आरबीआई ने डिजिटल कर्ज देने के लिए जारी किए सख्त नियम

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आरबीआई ने डिजिटल कर्ज देने के लिए जारी किए सख्त नियम
11 Aug 2022
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News Synopsis

देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल ऋण Digital credit देने के लिए सख्त नियम जारी कर दिए हैं। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कहा है कि डिजिटल ऋण सीधे कर्ज लेने वालों के बैंक खातों Bank accounts में जमा किया जाना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। आरबीआई ने डिजिटल कर्ज के क्षेत्र Sector of digital lending में बढ़ती गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए ये सख्त मानदंड Strict norms बनाए हैं। इसके अलावा आरबीआई ने कहा है कि क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में ऋण सेवा प्रदाताओं Lending service providers (एलएसपी) को देय शुल्क का भुगतान कर्ज लेने वालों को नहीं, बल्कि डिजिटल ऋण Digital loans देने वाली संस्थाओं को करना चाहिए।

आरबीआई ने डिजिटल उधार के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए मुख्य रूप से तीसरे पक्ष के बेलगाम जुड़ाव, गलत बिक्री, डेटा गोपनीयता का उल्लंघन, अनुचित व्यावसायिक आचरण, अत्यधिक ब्याज दरों और अनैतिक वसूली प्रथाओं High interest rates and unethical recovery practices से संबंधित चिंताओं का जिक्र किया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने 13 जनवरी 2021 को ‘ऑनलाइन मंच और मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए ऋण देने सहित डिजिटल उधार’ Digital lending (डब्ल्यूजीडीएल) पर एक कार्य समूह का गठन किया था।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियामक चिंताओं को कम करते हुए डिजिटल ऋण विधियों Digital loan methods के जरिए कर्ज देने के व्यवस्थित वृद्धि का समर्थन करने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत किया गया है। यह नियामक ढांचा इस सिद्धांत पर आधारित है कि उधार देने का व्यवसाय सिर्फ ऐसी संस्थाओं द्वारा किया जाए, जो या तो रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित हैं या जिन्हें किसी अन्य कानून के तहत ऐसा करने की अनुमति मिली है।