Razorpay ने मनीसेवर एक्सपोर्ट अकाउंट लॉन्च किया

News Synopsis
बिज़नेस के लिए ओमनीचैनल पेमेंट और बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म रेज़रपे Razorpay ने फ्रीलांसर प्रोफेशनल्स के लिए अपने मनीसेवर एक्सपोर्ट अकाउंट MoneySaver Export Account लॉन्च की घोषणा की है। कंपनी का दावा है, कि यह फ्रीलांसरों के लिए इंटरनेशनल पेमेंट की पेशकश करने वाला पहला इंडियन पेमेंट एग्रीगेटर है।
यह फीचर फ्रीलांसरों को किसी भी देश में एक स्मार्ट अकाउंट खोलने और रेज़रपे प्लेटफ़ॉर्म पर बैंक ट्रांसफर के माध्यम से स्थानीय रूप से पेमेंट स्वीकार करने में सक्षम बनाएगी। जीरो विथड्रावल फीस के साथ प्लेटफ़ॉर्म का लक्ष्य 15 मिलियन से अधिक इंडियन फ्रीलांसरों को इंटरनेशनल बैंक ट्रांसफर पर फीस और कमीशन में 50% तक की बचत करके सशक्त बनाना है।
The Pain Point:
भारत ग्लोबल फ्रीलांसर मार्केट में दूसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है, लेकिन वर्तमान में उनके लिए उपलब्ध पेमेंट ऑप्शन सीमलेस और कॉस्ट-एफ्फिसिएंट नहीं हैं। निर्यातकों के लिए इंटरनेशनल पेमेंट मुख्य रूप से इंटरनेशनल बैंक ट्रांसफर पर निर्भर करते हैं, जिसमें SWIFT प्राथमिक तरीकों में से एक है।
हालांकि RBI की रिपोर्ट के अनुसार इन ट्रांसक्शन्स में काफी लागत आती है, जिसमें हर 200 डॉलर के पेमेंट पर SWIFT चार्ज पर लगभग 13 डॉलर खर्च होते हैं। फ्रीलांसरों के लिए चुनौतियाँ और भी कठिन हैं। डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर में प्रति ट्रांसक्शन्स 30 डॉलर तक का फीस लग सकता है, साथ ही अतिरिक्त करेंसी कन्वर्शन चार्ज भी लग सकता है। इसके परिणामस्वरूप इंडियन फ्रीलांसरों को अपनी आय का 25% तक खोना पड़ता है।
How Does It Work?
रेजरपे का दावा है, कि मनीसेवर एक्सपोर्ट अकाउंट आरबीआई के लेटेस्ट दिशा-निर्देशों का पालन करता है, जिसमें वीडियो केवाईसी शामिल है, जो फ्रीलांसरों के लिए सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित करता है। यह अकाउंट फ्रीलांसरों को पाँच सेकंड के भीतर 160 से अधिक देशों से इंटरनेशनल बैंक ट्रांसफर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
इसके अतिरिक्त मनीसेवर एक्सपोर्ट अकाउंट फ्रीलांसरों को एक-क्लिक डिजिटल एफआईआरसी प्रदान करता है, और ऑनलाइन फ्रीलांस मार्केटप्लेस से कोई विथड्रावल फीस नहीं लेता है, अन्य सलूशन के विपरीत जो वर्तमान में प्रति निकासी $2 के साथ-साथ अर्जित प्रत्येक $500 के लिए 20% का मार्केटप्लेस कमीशन लेते हैं।
यह अकाउंट अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, यूरोप और अन्य प्राथमिकता वाले निर्यात बाजारों में बनाया जा सकता है, जिससे ACH, SEPA, SWIFT और FPS जैसे पसंदीदा बैंकिंग नेटवर्क का उपयोग संभव हो सकेगा।
रेजरपे के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राहुल कोठारी Rahul Kothari Chief Operating Officer Razorpay ने कहा "जबकि भारत फ्रीलांसरों के लिए सबसे तेजी से बढ़ते मार्केट्स में से एक के रूप में विकसित हो रहा है, इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर को सुरक्षित रूप से प्रबंधित करने और अपार संभावनाओं वाले इस डायनामिक कम्युनिटी का समर्थन करने के लिए सहज और कॉस्ट-एफ्फिसिएंट तरीका होना महत्वपूर्ण है।"
राहुल कोठारी ने कहा "फ्रीलांसरों को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खास तौर पर सीधे बैंक ट्रांसफर के मामले में जिसमें प्रति ट्रांसक्शन्स 30 डॉलर तक का शुल्क लग सकता है, साथ ही अतिरिक्त करेंसी कन्वर्शन चार्ज भी देना पड़ता है। वे अपनी आय का 25% तक खो देते हैं। इन चुनौतियों का सलूशन करके, हमारा सलूशन हाई ट्रांसक्शन्स फीस और करेंसी कन्वर्शन चार्ज के बोझ को काफी हद तक कम करने का लक्ष्य रखता है, जिसका सामना फ्रीलांसर अक्सर करते हैं, जिससे इस समुदाय को सीमलेस, बॉर्डर-फ्री ग्लोबल बैंकिंग के बेजोड़ लाभ से सशक्त बनाया जा सके। एक रिलाएबल, परेशानी-मुक्त वित्तीय अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता अब यह सुनिश्चित कर सकती है, कि फ्रीलांसर उस काम पर ध्यान केंद्रित कर सकें जिसमें वे सबसे अच्छे हैं, दुनिया भर के ग्राहकों को बेहतरीन काम देना।"
निर्यातकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया मनीसेवर एक्सपोर्ट अकाउंट व्यापारियों को इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम के माध्यम से इंटरनेशनल पेमेंट प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। पिछले साल लॉन्च किए गए इस खाते का इस्तेमाल अब तक 15,000 से ज़्यादा निर्यातकों ने किया है।
इसके अलावा पिछले साल रेजरपे ने संस्थापकों के लिए विदेशी मुद्रा सेवा भी शुरू की, जिसने भारतीय स्टार्टअप को विश्व स्तर पर जुटाए गए धन को भारत में स्थानांतरित करने में सक्षम बनाया, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय परिदृश्य को आसानी से नेविगेट करने में मदद मिली, जिससे भारत में उनके विदेशी फंडिंग प्रवाह को अधिकतम किया जा सका।
आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र शशांक कुमार और हर्षिल माथुर द्वारा 2014 में स्थापित रेजरपे सिलिकॉन वैली के सबसे बड़े टेक एक्सेलेरेटर वाई कॉम्बिनेटर का हिस्सा बनने वाली दूसरी भारतीय कंपनी है। लोन पाइन कैपिटल, अल्केन कैपिटल, टीसीवी, जीआईसी, टाइगर ग्लोबल, सिकोइया, कैपिटल इंडिया, रिबिट कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, सेल्सफोर्स वेंचर्स, वाई कॉम्बिनेटर और मास्टरकार्ड जैसे प्रमुख निवेशकों ने सीरीज ए से एफ फंडिंग के माध्यम से कुल 741.5 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।