रास्पबेरी पाई बना साइबर क्राइम का कारण

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रास्पबेरी पाई बना साइबर क्राइम का कारण
31 Jan 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 31 January 2023

साइबर अपराध Cyber ​​Crimes न केवल देश के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। कुछ तकनीक का इस्तेमाल कर कोई एटीएम से पैसे निकालने में कामयाब हो गया, जिसका शायद पुलिस भी अंदाजा नहीं लगा पाएगी।

एटीएम में तोड़-फोड़ या डकैती जैसी घटनाओं को पुलिस नहीं रोक सकती हैं। अपराधियों ने सीधे एटीएम का सर्वर हैक Server Hack करने का तरीका खोज लिया है। ऐसे में एटीएम के सर्वर को नियंत्रित करने के लिए चोर रास्पबेरी पाई Raspberry Pi नाम की एक छोटी सी डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं। रास्पबेरी पाई 3 के रूप में जाने जाने वाले इस उपकरण का एक उन्नत संस्करण है, जिसका उपयोग छात्रों द्वारा अपनी परियोजनाएँ बनाने के लिए किया जाता है। रास्पबेरी पाई पर मैलवेयर Malware का उपयोग करके अपराधी इस उपकरण का उपयोग धोखा देने के लिए कर सकते हैं।

अपराधी एटीएम से पैसे निकालने के लिए रास्पबेरी पाई का इस्तेमाल करते हैं। जो एक मिनी कंप्यूटर Mini Computer और मदरबोर्ड Motherboard की तरह होता है। केवल रास्पबेरी पाई के माध्यम से धोखा देना संभव है। यदि आप इसे ब्लैक बॉक्स Black Box बनाते हैं। ब्लैक बॉक्स बनाने का मतलब है, कि आप डार्क वेब से एक कोड लेते हैं। जिसे रास्पबेरी पाई पर इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके बाद यह डिवाइस एटीएम फ्रॉड Device ATM Fraud करने के लिए तैयार हो जाता है। कुछ हैकर्स इसके लिए एटम्सस्पिटर AtomsSpitter, कटलेट मेकर Cutlet Maker, ग्रीन डिस्पेंसर Green Dispenser और फास्ट केश Fast Hairstyle जैसे मालवेयर का इस्तेमाल करते हैं। हैकर्स इस मैलवेयर को डार्क नेट Dark Net से खरीदते हैं। डार्क नेट तक आम आदमी की पहुंच नहीं है, लेकिन ये हाईटेक अपराधी इतने शातिर होते हैं। कि इनकी टीम में कई साइबर एक्सपर्ट भी रखे जाते हैं। और इनके जरिए ऐसे डिवाइस तैयार करवाकर ठगी की जाती है।

साइबर विशेषज्ञ सनी नेहरा Sunny Nehra ने संवाददाताओं को बताया कि इस प्रकार के उपकरण का उपयोग अपराधी एटीएम मशीनों तक पहुंचने और पैसे निकालने के लिए करते हैं। जो पुराने मैनुअल सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। एटीएम मशीन पर इस उपकरण को स्थापित करके मुख्य सर्वर को वाई-फाई Wi-Fi के माध्यम से हटाया जा सकता है। और एक नया स्थानीय सर्वर बनाया जा सकता है, जिससे अपराधी बिना मशीन को बंद किए पैसे निकाल सकते हैं। राजस्थान पुलिस Rajasthan Police ने दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। जो पुराने मैनुअल सिस्टम पर चलने वाली एटीएम मशीनों का शोषण करने के लिए एक समान उपकरण का उपयोग कर रही थीं। भारत में कई बैंक अभी भी अपने एटीएम मशीनों में विंडोज़ के माइक्रोसॉफ्ट एक्सपी संस्करण Microsoft XP Edition का उपयोग करते हैं, जो उन्हें हमले के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। ऐसी मशीन को हैक करना अपराधियों के लिए आसान होता है।

साइबर अपराध अधिक आम होता जा रहा है। बैंक और पुलिस इसे रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्हें अपने सिस्टम को अपडेट करने की जरूरत है। ताकि अपराधी ज्यादा नुकसान न कर सकें, और पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने सिस्टम को यथासंभव उन्नत बनाने की जरूरत है।

Last Updated on 06 August 2021

विश्व में ईजाद होती नयी-नयी टेक्नोलॉजी ने जीवन को आसान कर दिया है। एक ही स्थान पर बैठ कर व्यक्ति अपनी समस्या का समाधान कर लेता है। अपने फ़ोन से इंटरनेट के माध्यम से हम घर पर बैठ कर ही कहीं पर भी किसी के भी अकाउंट में पैसे भेज सकते हैं या फिर अपने अकाउंट में पैसे मंगा सकते हैं। इसके लिए हमें बैंक या फिर ATM जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह सब केवल टेक्नोलॉजी की सहायता से संभव हो पाया है। एक तरफ जहाँ पर टेक्नोलॉजी ने हमें एक सरल जीवन दिया है, वहीँ दूसरी तरफ इसने हमारी परेशानी को भी बढ़ा दिया है। टेक्नोलॉजी के विकसित होने से साइबर क्राइम जैसे अपराध होने लगे हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही नए-नए तरीकों से अपराध किए जा रहे हैं। रास्पबेरी पाई भी इसी श्रेणी का हिस्सा है, जो अब नए तरीके से ATM से पैसे चुराने का काम कर रही है। एटीएम में माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर इनस्टॉल रहते हैं, पुराने सॉफ्टवेयर वाले ATM में हैकिंग आसान होती है। मदर बोर्ड की तरह होने वाला रास्पबेरी सर्वर के सहारे एटीएम से पैसे निकलता है। देश में बढ़ता साइबर क्राइम बहुत बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। पुलिस को भी इस मामले में अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पा रही है। प्रतिदिन साइबर क्राइम की खबरें आती रहती हैं। टेक्नोलॉजी के कारण बढ़ रहे अपराध को नियंत्रित करना आवश्यक जिम्मेदारी है, जिसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। 

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