विदेशी तेलों के दाम गिरे, अब आयात शुल्क बढ़ाने की हो रही मांग

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विदेशी तेलों के दाम गिरे, अब आयात शुल्क बढ़ाने की हो रही मांग
23 Jul 2022
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News Synopsis

महंगाई Inflation से दुनिया world के कई देशों में लोग परेशान हैं । वहीं अगर खाद्य तेल edible oil की बात की जाए तो इसकी कीमत में गिरावट आई है। विदेशी बाजारों foreign markets में खाद्य तेलों के दाम टूटने के कारण घरेलू बाजार में कीमतें prices in domestic market गिरावट के साथ बंद हुई हैं। शुक्रवार को सरसों mustard, मूंगफली तेल तिलहन groundnut oil oilseeds,, सोयाबीन तिलहन, बिनौला और पामोलीन तेल कीमतें cottonseed and palmolein oil prices गिरावट के साथ बंद हुई।

जबकि, आयातकों द्वारा नीचे भाव पर बिक्री नहीं किये जाने से सोयाबीन तेल और कच्चा पाम तेल (CPO) के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। वहीं मलेशिया एक्सचेंज Malaysia Exchange आधा फीसदी कमजोर था, जबकि शिकागो एक्सचेंज Chicago Exchange में गिरावट के बाद फिलहाल स्थिरता है। बाजार सूत्रों का कहना है कि विदेशों में खाद्य तेलों के दाम इस कदर टूटे पड़े हैं कि आयातक बेहाल हैं। पिछले लगभग डेढ़ साल में विभिन्न किस्तों में सरकार ने आयात शुल्क काफी घटाया है।

सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात को तो शुल्क मुक्त कर दिया है। दाम कम होने से खाद्य तेलों पर लगने वाला वस्तु एवं सेवा कर Goods and Services Tax (GST) भी कम हो गया है। वैश्विक कीमतों Global Prices में आई भारी गिरावट के बाद अब समय खाद्य तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि import duty hike का है। यह स्थानीय तेल उद्योग local oil industry, किसानों  farmers के लिए हितकारी कदम होगा। सूत्रों ने कहा कि जब खाद्यतेलों के दाम महंगे होते हैं, तो विभिन्न तेल संगठन  oil organizations, समाचार पत्र व बाजार के विशेषज्ञ आयात शुल्क घटाने की मांग करते हैं।