महिलाओं के दिल को पहुंच रहा प्रदूषण से खतरा

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महिलाओं के दिल को पहुंच रहा प्रदूषण से खतरा
16 Feb 2023
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News Synopsis

Latest Updated on 16 February 2023
पश्चिम यूपी की हवा में धुएं का उच्च स्तर और पीएम 2.5 कई लोगों को दिल की समस्याओं से बीमार कर रहा है। यह अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के अतिरिक्त है, जो इस प्रकार की बीमारी का कारण बन रहा है। डॉक्टर भी इसे लेकर चिंतित हैं। और लोगों से कह रहे हैं, कि अपने दिल की रक्षा के लिए स्वच्छ हवा Clean Air में सांस लें।

एलएलआरएम LLRM में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सीबी पांडेय Cardiologist Dr. CB Pandey ने कहा कि हृदय रोग अब हर उम्र के मरीजों में सामने आ रहा है। और इसकी वजह हमारी अस्वस्थ जीवनशैली है। प्रदूषण की समस्या बनने का एक और कारण यह है, कि खेती में हानिकारक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। इससे हवा में घुलकर प्रदूषण Pollution फैल सकता है। गैस की समस्या लेकर हमारे पास आने वाले मरीजों को अक्सर हृदय रोग भी होता है, जो संभवत: उन हानिकारक रसायनों के कारण होता है, जिनमें वे सांस Breath ले रहे होते हैं।

पश्चिम उत्तर प्रदेश West Uttar Pradesh और उत्तर मध्य राजस्थान North Central Rajasthan की हवा उद्योग और खेती से होने वाले प्रदूषण से भरी है। यह प्रदूषण पीएम 2.5 की मोटी परत के रूप में वातावरण में जमा हो जाता है, जो हवा में फैलकर सांस के जरिए शरीर के अंदर चला जाता है। इन प्रदूषकों का संचयन कारखानों के आसपास होने लगता है, और धीरे-धीरे उन्हें सिकोड़ने लगता है। फैक्ट्रियों में खून का बहाव कम होने लगता है, और हृदय को पूरी तरह पंप नहीं कर पाता। इसलिए इन इलाकों में हार्ट अटैक Heart Attack होता है।

एंडोथेलियम हृदय का एक हिस्सा है, जो रक्त की आपूर्ति करने में मदद करता है। PM2.5 इस एंडोथेलियम Endothelium पर सूजन पैदा Cause Inflammation कर सकता है, जिससे हृदय की पंप करने की क्षमता कम हो सकती है। इससे हृदय के लिए आवश्यक रक्त प्राप्त करना कठिन हो जाता है। बैंगलोर Bangalore में हाल के अध्ययनों से पता चला है, कि PM2.5 हृदय में एंडोथेलियम नामक रक्त वाहिका Blood Vessel के संकुचन का कारण बन सकता है। इससे हृदय को पंप करने में कठिनाई हो सकती है।

पार्टिकुलेट मैटर या प्रदूषण में भारी धातुओं के कण और मीथेन Methane, नाइट्रोजन Nitrogen, सल्फर Sulphur जैसी गैसें शामिल हैं। ये कण हानिकारक हो सकते हैं। क्योंकि ये लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं। और नाक के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। वे आपके शरीर को अंदर से खोखला महसूस करा सकते हैं।

अक्टूबर से फरवरी तक का समय दिल के लिए कठिन समय होता है, क्योंकि सर्दियां आ रही होती हैं। और हवा प्रदूषित होती है। यह वर्ष का वह समय होता है, जब वातावरण में प्रदूषण कम होने लगता है, और कोहरा बनने लगता है। यह कोहरा हवा के जरिए फैल सकता है, और फेफड़ों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है, जिससे हार्ट स्ट्रोक Heart Stroke का खतरा बढ़ जाता है।

Last Updated on 11 October 2021

प्रदूषण मनुष्य के जीवन का खतरा बनता जा रहा है। लेकिन कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी Copenhagen University की एक ये स्टडी डेनमार्क Study Denmark के मुताबिक महिलाओं को प्रदुषण से ज़्यादा खतरा साबित हो रहा है। यह शोध 15 से 20 साल तक की उम्र की 20 हजार से ज़्यादा र्नर्सों पर की गई है। जिसमें पाया गया कि 2.5 डीजल-पेट्रोल Diesel-Petrol से निकलने वाले प्रदूषित कण में 5.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बढ़ोतरी के कारण महिलाओं के दिल का दौरे पड़ने का खतरा 17% तक बढ़ गया है। इस शोध के मुताबिक किसी प्रदूषित शहर में तीन साल रहने पर महिलाओं को हार्ट फेलियर Heart Failure का जोखिम 43% तक बढ़ जाता है। 

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