पटवारी से IPS अफसर बनने तक का सफर

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खेल चाहे कितने ही बदल लीजिये, लक्ष्य केवल विजय पर ही होनी चाहिए। कुछ ऐसी ही कहानी है राजस्थान के बीकानेर में रहने वाले प्रेमसुख डेलू की जिन्होंने एक गरीब किसान परिवार में पैदा होने के बावजूद भी कभी हिम्मत नहीं हारी और कामयाब होने के लिए स्वयं पर भरोसा रखा। आज हर युवा चाहता है कि उसको सरकारी नौकरी मिले पर इसके लिए काफी तैयारी करनी पड़ती है। इसलिए बहुत कम लोग इसमें सफल हो पाते हैं। प्रेमसुख डेलू मेहनत करके इतना आगे बढ़े कि कि यूपीएससी एग्जाम पास किया और आईपीएस अफसर बन गए। लेकिन उनका यहाँ तक का सफर इतना आसान नहीं था। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी वह एक गरीब परिवार से थे इसलिए उन्होंने अपना ध्यान सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ही लगाया। उन्होंने इतिहास में एमए किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहे। वो सबसे पहले तो पटवारी बने। पटवारी बनने के बाद प्रेमसुख ने राजस्थान ग्राम सेवक परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की, फिर असिस्टेंट जेलर, कॉलेज में लेक्चरर, तहसीलदार और फिर आईपीएस बनने में सफल रहे। उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के अमरेली में एसीपी के पद पर हुई है।