माइक्रोन 2025 की शुरुआत में पहला भारत-निर्मित चिप लॉन्च करेगा

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अमेरिकी चिप निर्माता माइक्रोन टेक्नोलॉजी Micron Technology ने कहा कि वह 2025 की पहली छमाही के दौरान गुजरात के साणंद में स्थित अपनी अपकमिंग असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग फैसिलिटी से चिप का उत्पादन शुरू कर देगी।
माइक्रोन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद राममूर्ति ने कहा "हमें उम्मीद है, कि अगले साल की शुरुआत में पहली छमाही में प्रोडक्ट्स पेश किए जाएंगे, जो एक बहुत अच्छा बदलाव है, क्योंकि हमने पिछले साल के मध्य में इस पूरी भागीदारी की घोषणा की थी।"
सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सेमीकंडक्टर वैल्यू चैन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जहां सेमीकंडक्टर फैब्स द्वारा निर्मित वेफर्स को इकट्ठा या पैक किया जाता है, और फिर उन्हें वांछित प्रोडक्ट में उपयोग करने से पहले परीक्षण किया जाता है।
माइक्रोन की नई फैसिलिटी वेफर्स को बॉल ग्रिड ऐरे इंटीग्रेटेड सर्किट पैकेज, मेमोरी मॉड्यूल और सॉलिड-स्टेट ड्राइव में बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
इसके अलावा पहले दिन से चिप आउटपुट को निर्यात बाजार की ओर बढ़ाया जाएगा। आनंद राममूर्ति ने कहा "भारत में कोई भी कारखाना केवल भारत के लिए नहीं बनाया जाएगा। यह एक छोटा सा हिस्सा होगा, और इसका बड़ा हिस्सा निर्यात के लिए होगा, और यह वास्तव में एक अच्छी बात है, क्योंकि हम चाहते हैं, कि हमारे कारखाने विश्व स्तर पर व्यवहार्य हों।"
22 जून 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22,516 करोड़ रुपये (2.75 बिलियन डॉलर) के पूंजी निवेश के साथ भारत में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।
मंजूरी के महज तीन महीने बाद सितंबर 2023 में गुजरात के साणंद में फैसिलिटी के पहले चरण का शिलान्यास समारोह हुआ।
विकास के पहले चरण के तहत 500,000 वर्ग फुट की एक फैसिलिटी 2025 की शुरुआत तक चालू हो जाएगी। माइक्रोन ने कहा कि वह दूसरे चरण में समान आकार की एक फैसिलिटी का निर्माण करेगी, जो "दशक के दूसरे भाग" में शुरू होगी।
टॉप अमेरिकी चिप निर्माता के प्लांट को केंद्र सरकार की "संशोधित असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग योजना" के तहत मंजूरी दी गई है।
माइक्रोन को केंद्र से कुल परियोजना लागत के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता और गुजरात सरकार से कुल लागत का 20 प्रतिशत प्रोत्साहन मिलेगा। माइक्रोन और दो सरकारी संस्थाओं का संयुक्त निवेश दोनों चरणों में $2.75 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
आनंद राममूर्ति ने कहा कि इस परियोजना से अगले चार से पांच वर्षों में 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर और अतिरिक्त 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है। माइक्रोन वर्तमान में अपने हैदराबाद और बेंगलुरु केंद्रों में 4,000 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देता है, जो मुख्य रूप से अनुसंधान और विकास प्रयासों पर केंद्रित है।