Lauritz Knudsen ने ग्रीन एनर्जी और ईवी चार्जिंग में विस्तार किया

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श्नाइडर इलेक्ट्रिक ग्रुप का हिस्सा लॉरिट्ज़ नुडसेन Lauritz Knudsen ने हाइड्रोजन एनालाइज़र और विंड एनर्जी सिस्टम जैसे इनोवेशन की खोज कर रहा है, और अपने रिन्यूएबल एनर्जी बिज़नेस को बढ़ाने की योजना के तहत ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बन रहा है।
2020 में श्नाइडर इलेक्ट्रिक ने 14,000 करोड़ रुपये में लार्सन एंड टुब्रो के इलेक्ट्रिकल और ऑटोमेशन बिज़नेस एलएंडटी स्विचगियर का अधिग्रहण किया और इसे लॉरिट्ज़ नुडसेन के रूप में पुनः ब्रांड किया।
लॉरिट्ज़ नुडसन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नरेश कुमार Naresh Kumar ने कहा "हम क्लीन और रिन्यूएबल एनर्जी में अग्रणी बनने के लिए समर्पित हैं। हमारे इनोवेशन और R&D प्रयास नई एनर्जी लैंडस्केप पर केंद्रित हैं, और वास्तव में हमारे पास इस क्षेत्र पर केंद्रित एक समर्पित बिज़नेस यूनिट है।"
नरेश कुमार ने कहा कि इसका अधिकांश ध्यान और फोकस रिन्यूएबल एनर्जी की ओर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, खासकर इथेनॉल जैसी अल्टरनेटिव एनर्जी, सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी रिन्यूएबल एनर्जी, एग्री-टेक और एग्री-ऑटोमेशन, पंप स्टोरेज सिस्टम और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से संबंधित प्रोडक्ट्स के लिए।
कंपनी मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 850 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। नरेश कुमार ने कहा कि जहां भी उनके पास सुविधाएं हैं, वे आरएंडडी लैब और नई ऑटोमेशन लाइनें स्थापित कर रहे हैं, क्योंकि वे अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में यह निवेश श्नाइडर इलेक्ट्रिक ग्रुप द्वारा 2024 से 2027 तक ग्लोबल स्तर पर 2 बिलियन यूरो के ओवरआल वृद्धिशील क्षमता निवेश का हिस्सा है।
इसकी तीन जगहों - वडोदरा, अहमदनगर और कोयंबटूर में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं हैं। ये सुविधाएं R&D सेंटर्स और लैब से भी सुसज्जित हैं। इसका नवी मुंबई के म्हापे में ऑपरेटिंग एक R&D सेंटर और लैब भी है, जिसमें 500 से अधिक कर्मचारी हैं।
नरेश कुमार ने कहा कि वे हाई-ब्रेकिंग-क्षमता, हाई-वोल्टेज और ग्रीन प्रोडक्ट्स के साथ प्रोडक्ट्स विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा "हम वर्तमान में विश्लेषण कर रहे हैं, कि भविष्य की टेक्नोलॉजीज और परिवर्तनों का समर्थन करने के लिए किन सलूशन की आवश्यकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे प्रोडक्ट्स इन एप्लीकेशन के साथ संरेखित हों।"
उन्होंने कहा कि कस्टमर्स एनर्जी कोन्सुम्प्शन के साथ-साथ प्रोडक्टिविटी को मापने के लिए कह रहे हैं। "वे उपयोग की गई एनर्जी से संबंधित आउटपुट को समझना चाहते हैं, जैसे कि चावल या इथेनॉल की एक निश्चित मात्रा का प्रोडक्शन करने के लिए कितनी एनर्जी की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर हम एक्टिव रूप से खोज कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
नरेश कुमार ने कहा कि कंपनी ईवी चार्जर और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के इकोसिस्टम का हिस्सा बन रही है। "हम इन कंपनियों के साथ मिलकर उनकी ज़रूरतों को समझने और ज़रूरी प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा
"ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में हम इस क्षेत्र के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, और आप हमारे कुछ प्रोडक्ट्स को इलेक्रामा में प्रदर्शित होते देखेंगे। हम ई-मोबिलिटी के विभिन्न कंपोनेंट्स को बड़े सलूशन में इंटेग्रटिंग करने में एक्टिव रूप से भाग ले रहे हैं," उन्होंने कहा।
देश का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी हासिल करना है, जो इसकी कुल एनर्जी क्षमता का लगभग 50% है।