जल जीवन मिशन से हर साल बचेगी 1.36 लाख बच्चों की जान, नोबेल विजेता का दावा

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जल जीवन मिशन से हर साल बचेगी 1.36 लाख बच्चों की जान, नोबेल विजेता का दावा
12 Oct 2022
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News Synopsis

अर्थशास्त्र Economics के नोबेल पुरस्कार Nobel laureate विजेता माइकल क्रैमर Michael Cramer ने अपनी ताजा रिपोर्ट में जल जीवन मिशन Water Life Mission को लेकर एक नया दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि भारत सरकार Government of India का जल जीवन मिशन (जेजेएम) हर साल 1.36 लाख बच्चों की जान बचा सकता है। साथ ही पांच साल से छोटे इन बच्चों को बचाने का यह सबसे प्रभावी और किफायती तरीका साबित हो सकता है। यह दावे 2019 में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रैमर ने अपनी ताजा रिपोर्ट में किए। उन्होंने अपनी इच्छा भी जताई कि वे इस क्षेत्र और खासतौर पर पानी के री-क्लोरीनेशन Re-chlorination पर भारत के साथ काम करना चाहेंगे।

शिकागो विश्वविद्यालय University of Chicago द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट में क्रैमर ने लिखा कि साल 2024 तक भारत अपने ग्रामीण हिस्सों  Rural areas में नल से पेयजल पहुंचाने के लिए जेजेएम पर काम कर रहा है। सफल रहा, तो अपने 1.36 लाख बच्चों का जीवन Children's lives हर साल बचा लेगा। यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ  UNICEF and WHO के अनुसार जेजेएम के पहले 2019 तक 63 प्रतिशत घरों को साफ पेयजल मिल रहा था। जेजेएम से आंकड़ा 90 प्रतिशत पहुंच सकता है। बच्चों को अगर पोषणयुक्त भोजन और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं Nutritious food and good health services भी मिलें तो 1.36 लाख से भी अधिक का जीवन हम बचा सकेंगे।

माइकल क्रैमर ने लिखा कि भारत को ध्यान रखना होगा कि पेयजल आपूर्ति सूक्ष्मजीवों द्वारा संक्रमित Infected by microorganisms न हो। इसके लिए पाइपों में नेगेटिव प्रेशर आने से रोकना होगा। बेहतर रहेगा कि पानी के ट्रीटमेंट की केंद्रीयकृत प्रणाली Centralized system नलों के निकट रहे। 2019 में महाराष्ट्र Maharashtra में हुए अध्ययन का हवाला देकर कहा कि नलों से मिले पानी के 37 फीसदी सैंपल में ई-कोलाई था।