प्रेरणा की कलम, कलाम

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प्रेरणा की कलम, कलाम
29 Oct 2021
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डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम एक ऐसा नाम है, जिनसे प्रत्येक व्यक्ति प्यार करता है और दिल से सम्मान भी करता है। इसका कारण यह था कि कलाम साहब सबके प्रति सदाचार की भावना को अपनाते थे और लोगों को उनकी गलतियों के लिए क्षमा भी कर देते थे। कलाम वह हीरा हैं, जिनके व्यवहार को किसी भी प्रारूप में अपनाया जाए, वह हानिकारक नहीं होगा।

दुनिया में रोज़ कई लोग आते हैं, रोज़ कई लोग इस दुनिया को छोड़कर जाते हैं, परन्तु हर कोई दुनिया के लिए एक यादगार छवि बन जाए, ऐसा नामुमकिन है। ऐसे लोगों को इस दुनिया में उंगलियों पर गिना जा सकता है, जिनके शायद ही कोई आलोचक होंगे। जिन्होंने प्रत्येक उस व्यक्ति के दिल और दिमाग पर राज किया है, जिससे वह पल भर के लिए ही मिले होंगे। भारत को भी इस सौभाग्य से गौरवान्वित होने का मौका मिला, जिसकी धरती पर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसे रत्न ने जन्म लिया। जिन्होंने भारत को अनगिनत उपलब्धियां देकर, उसे उस ऊंचाई तक सुरक्षित पहुंचाया, जहां से पूरी दुनिया एक खुबसूरत सपने की तरह नज़र आती है और हम आज उस सपने को जी भी रहे हैं। मिसाइल मैन के नाम से ख़ुद को अमर करने वाले कलाम साहब की सादगी से दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति कायल था। होठों पर मुस्कान लिए सरल भाव में अपने शब्दों से सामने वाले के मन को मोह लेना इनकी सबसे खुबसूरत खासियत थी। वह मुस्कान आज भी लोगों के दिल में घर बनाकर रह रही है। केवल उनके द्वारा किए गए कार्य ही नहीं बल्कि उनके संघर्षों की यात्रा भी हमको प्रेरित करते हैं। 

कलाम साहब ने बचपन से ही अपनी मंजिल को पाने के लिए संघर्ष किया है। घर में आर्थिक मदद देने के लिए उस उम्र से ही लोगों के घरों में अखबार बेचने का काम करना, जिस उम्र में बच्चे का ध्यान केवल खेल पर रहता है, अपने आप में अकल्पनीय है। पायलट बनने का सपना देखने वाले अब्दुल कलाम ने न जाने कितने बच्चों के सपनों को पंख लगाये है। 

गणित और विज्ञान से लगाव इतना कि सुबह चार बजे उठकर ही पढ़ने बैठ जाना और अपने पिता के साथ बैठकर सांसारिक विषयों का ज्ञान लेना, हमें प्रत्येक क्षेत्र में ज्ञान अर्जित करने का हुनर सिखाता है। समंदर से कलाम जी का लगाव होना तो लाज़मी था, आखिरकार उन्होंने अपने पिता के साथ वहीं पर तो ज़िंदगी के कई पाठ सीखे, जिसे उन्होंने हमारे आचरण में भी लाने का प्रयास किया।

देश को दो मिसाइल देने में मुख्य योगदान देने वाले मिशाइल मैन ने जीवन भर स्वयं को एक शिक्षक रूप में ही देखना चाहा, अपने जीवन में अनुभव किए गए प्रत्येक ज्ञान को उन्होंने सदैव बच्चों के साथ साझा करके उन्हें उचित रास्ता दिखाने का प्रयत्न किया। 

देश के इकलौते ऐसे राष्ट्रपति जिन्होंने, राष्ट्रपति भवन के कुछ हिस्सों को भी आम नागरिकों के लिए खोल दिया, जिनकी इच्छा थी कि इस भवन में खर्च हो रही बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से किया जाय। शायद ही ऐसा कोई राष्ट्रपति हुए होगा, जिनके आगमन पर किसी अन्य देश में उस दिन को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाय। 

नेतृत्व का हुनर किसी भी व्यक्ति को कलाम साहब के आदर्शों से सीखना चाहिए। पूरी सिद्दत के साथ मेहनत करना और अपनी टीम को मार्गदर्शन देना अब्दुल कलाम को बखूबी आता था। असफलता का सारा श्रेय अपने सिर पर लेना और सफलता का तमगा पूरी टीम को देना एक निपुण मार्गदर्शक को प्रदर्शित करता है और हमारे कलाम साहब वहीं शख्सियत हैं।

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम एक ऐसा नाम है, जिनसे प्रत्येक व्यक्ति प्यार करता है और दिल से सम्मान भी करता है। इसका कारण यह था कि कलाम साहब सबके प्रति सदाचार की भावना को अपनाते थे और लोगों को उनकी गलतियों को क्षमा भी कर देते थे। कलाम वह हीरा हैं, जिनके व्यवहारों को किसी भी प्रारूप में अपनाया जाए, वह हानिकारक नहीं होगा।