सऊदी अरब के इस ऐलान से भारत की बढ़ी चिंता

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पेट्रोलियम Petroleum की कीमतें बढ़ने से दुनिया के सभी देश महंगाई की चपेट में आए हुए हैं। अमेरिका America में भी महंगाई बढ़ती जा रही है लेकिन तेल के बड़े निर्यातक कच्चे तेल के उत्पादन Crude Oil Production में बढ़ोतरी लाने पर किसी भी तरह राजी नहीं दिख रहे हैं। इसी क्रम में दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक सऊदी अरब Saudi Arabia ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तेल की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा।
आपको बता दें कि सऊदी अरब पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन OPEC + का नेतृत्व करता है। संगठन ने रूस Russia ओमान Oman और कजाकिस्तान Kazakhstan जैसे साझेदार देशों के साथ मिलकर, अप्रैल 2020 से संयुक्त रूप से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर रोक लगा दी ताकि कोविड के कारण मांग में गिरावट से निपटा जा सके। यह डील तीन महीने में खत्म हो रही है।
इस बारे में IEA के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल IEA executive director Fatih Birol ने भी चेतावनी दी है कि गर्मियों में तेल की मांग में बढ़ोतरी वैश्विक मंदी global recession का कारण बन सकती है और वैश्विक ऊर्जा बाजार global energy market में तेल की कीमतों को रोकने के लिए हर देश को योगदान देने की जरूरत है। लेकिन प्रिंस फैसल Prince Faisal का तर्क है कि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों को कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाकर नहीं बल्कि तेल रिफाइनरियों में और निवेश करके रोका जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब के विदेश मंत्री Saudi Arabia's Foreign Minister ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम World Economic Forum में स्पष्ट किया कि उनका देश कच्चे तेल के उत्पादन में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं करेगा। उन्होंने इस बारे में कहा कि हमारा आकलन है कि वास्तव में अभी तेल की आपूर्ति अपेक्षाकृत संतुलित है। लेकिन हमारे सामने जो समस्या है, वो कच्चे तेल को बाजार में लाने से कहीं अधिक मुश्किल है। गौरतलब है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भारत, अमेरिका आदि देशों में महंगाई को बढ़ा दिया है। अमेरिका में अप्रैल के महीने में महंगाई दर 8.3 प्रतिशत थी।