भारतीय रेलवे ने 16.7 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट प्लान पेश किया

News Synopsis
भारतीय रेलवे Indian Railways ने 2031 तक देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलने के उद्देश्य से ₹16.7 लाख करोड़ की एक ग्राउन्ब्रैकिंग इन्वेस्टमेंट प्लान की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य स्टेशनों का मॉडर्नाइजेशन, फ्रेट कोर्रिडोर्स का विस्तार और हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट्स का विकास करना है। प्लान ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को कम करने के लिए प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर देती है।
Major Infrastructure Developments Ahead
इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी में 1,309 रेलवे स्टेशनों का रीडिवेलप्मन्ट और समर्पित फ्रेट कोर्रिडोर्स का विस्तार शामिल है। सरकार नए हाई-स्पीड रेल कोर्रिडोर्स के डेवलपमेंट को प्राथमिकता दे रही है, जिनसे रेलवे ऑपरेशन की स्पीड और एफिशिएंसी में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। वर्तमान में दो डीएफसी Eastern और Western कोर्रिडोर्स पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन और निर्माणाधीन हैं। इन कोर्रिडोर्स को लोजिस्टिक्स को अनुकूलित करने और देश भर में गुड्स ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट-इफेक्टिव को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
फ्रेट कॉरिडोर के अलावा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पहले से ही प्रगति पर है, जिसमें पाइपलाइन में सात एडिशनल हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की योजना है। हालाँकि रिपोर्ट से संकेत मिलता है, कि हाई-स्पीड रेल सेक्टर में तत्काल अवसर सीमित हो सकते हैं, जिससे इन महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स को धीरे-धीरे शुरू करने का सुझाव मिलता है।
Budget Growth and Station Redevelopment
भारतीय रेलवे Indian Railways ने अपने बजट आवंटन में लगातार वृद्धि देखी है, जो FY21 में ₹1.55 ट्रिलियन से बढ़कर FY25 में अनुमानित ₹2.65 ट्रिलियन हो गया है। यह वृद्धि 14% की CAGR को दर्शाती है, जिसमें स्टेशन रीडिवेलप्मन्ट के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्धारित किया गया है। सरकार ने इन अपडेट्स के लिए एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मॉडल अपनाया है, जिसके कारण फरवरी 2024 तक 508 स्टेशनों पर रीडिवेलप्मन्ट वर्क शुरू हो चुका है।
एडिशनल 553 स्टेशनों के रीडिवेलप्मन्ट की नींव रखी गई है, जो ₹190 बिलियन वैल्यू के बिज़नेस अवसर का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है, कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेशन रीडिवेलप्मन्ट के लिए प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट पहले ही दिए जा चुके हैं, जो यह दर्शाता है, कि निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर अवसर सीमित हो सकते हैं।
Private Sector Involvement and Future Prospects
रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में Larsen & Toubro जैसी प्राइवेट कंपनियों की बढ़ती भागीदारी भारतीय रेलवे की ऑपरेशनल स्ट्रेटेजी में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है। इस कदम का उद्देश्य मॉडर्नाइजेशन प्रोसेस में तेज़ी लाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की एफिशिएंसी और इनोवेशन का लाभ उठाना है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर सरकार के ध्यान से न केवल पैसेंजर सर्विस में सुधार होने की उम्मीद है, बल्कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे अंततः इकॉनमी को लाभ होगा।