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बड़ी खबर: भारतीय कंपनियां अब सीधे विदेशी बाजारों में शेयर लिस्ट कर सकेंगी

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बड़ी खबर: भारतीय कंपनियां अब सीधे विदेशी बाजारों में शेयर लिस्ट कर सकेंगी
27 Jan 2024
5 min read

News Synopsis

भारतीय सरकार ने भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब वे सीधे विदेशी बाजारों में अपने शेयर लिस्ट कर सकेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Finance Minister Nirmala Sitharaman ने जुलाई 2023 में इस बदलाव की घोषणा की थी, और अब इसे वास्तविकता में बदल दिया गया है। यह फैसला भारतीय पूंजी बाजार और कंपनियों दोनों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है।

कैसे खुला रास्ता - नए नियम और महत्वपूर्ण तिथियां How to open the way - new rules and important dates

  • जुलाई 28, 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बड़े बदलाव का ऐलान किया।

  • अक्टूबर 30, 2023: कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्रावधान लागू हुए, जिससे सीधे लिस्टिंग का रास्ता प्रशस्त हुआ।

  • जनवरी 24, 2024: वित्त मंत्रालय Ministry of Finance Foreign ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन  (गैर-ऋण उपकरण) नियम, 2019 में संशोधन किया, "भारत में निगमित कंपनियों के इक्विटी शेयरों की अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर प्रत्यक्ष लिस्टिंग योजना" की शुरुआत की।

  • वर्तमान में : कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय Ministry of Corporate Affairs लिस्टेड भारतीय कंपनियों के लिए सीधी लिस्टिंग के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है।

फिलहाल अनलिस्टेड कंपनियों के लिए, जल्द ही सभी के लिए

यह नया ढांचा सबसे पहले अनलिस्टेड भारतीय कंपनियों को मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सीधे अपने शेयर लिस्ट करने की अनुमति देगा। फिलहाल, भारत इंटरनेशनल एक्सचेंज और एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज Bharat International Exchange and NSE International Exchange. को ही इसके लिए मान्यता दी गई है। बहरहाल, सेबी जल्द ही लिस्टेड कंपनियों के लिए भी दिशानिर्देश तैयार करने में जुटा हुआ है।

भारतीय पूंजी बाजार के लिए गेम चेंजर - संभावित लाभ और प्रभाव

इस नीतिगत बदलाव से भारतीय पूंजी बाजार के परिदृश्य में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है:

  • ग्लोबल कैपिटल तक आसान पहुंच Easy access to global capital: अब स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियां Startups and technology companies घरेलू बाजार की सीमाओं से बाहर निकलकर विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटा सकेंगी।

  • बेहतर वैल्यूएशन और ग्लोबल मानक Htar Valuation and Global Standards: अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच भारतीय कंपनियों के वैल्यूएशन को बढ़ा सकती है, जिससे उन्हें ग्लोबल मानकों के करीब लाया जा सकेगा।

  • विदेशी निवेश आकर्षित करना और विकास को बढ़ावा देना Attracting foreign investment and promoting development: विदेशी निवेश की आमद से भारतीय कंपनियों का विकास होगा और उन्हें विस्तार के नए अवसर मिलेंगे।

  • व्यापक निवेशक आधार और इकोसिस्टम का विकास Development of broad investor base and ecosystem: अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ विविध निवेशक आधार गिफ्ट सिटी में पूंजी बाजार इकोसिस्टम को मजबूत करेगा।

  • करेंसी विकल्प में लचीलापन Flexibility in currency options: कंपनियां अपनी विशिष्ट जरूरतों और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप घरेलू बाजार में रुपये में या आईएफएससी में विदेशी मुद्रा में पूंजी जुटाने का विकल्प चुन सकती हैं।

भविष्य के लिए तैयारी Preparing for the future

लिस्टेड सार्वजनिक कंपनियों के लिए इस प्लेटफॉर्म पर शामिल होने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) Securities and Exchange Board of India (SEBI) जल्द ही दिशानिर्देश तैयार करेगा। इन दिशानिर्देशों में वित्तीय स्थिति, प्रबंधन, और अन्य मानदंडों के बारे में आवश्यकताएं शामिल होंगी।

सेबी के दिशानिर्देशों के बाद, लिस्टेड सार्वजनिक कंपनियां भी सीधे विदेशी बाजारों में अपने शेयर लिस्ट कर सकेंगी। इससे भारतीय पूंजी बाजार में और अधिक विविधता आएगी, और भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

इस नीतिगत बदलाव से भारतीय पूंजी बाजार के लिए कई संभावित लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं।

  • विदेशी पूंजी का आकर्षण बढ़ेगा Attraction of foreign capital will increase: सीधे लिस्टिंग से भारतीय कंपनियों को विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाने में आसानी होगी। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

  • वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी Competition will increase globally: सीधे लिस्टिंग से भारतीय कंपनियों को वैश्विक बाजारों में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने और बढ़ने का अवसर मिलेगा।

  • पूंजी बाजार का विकास होगा Capital market will develop: सीधे लिस्टिंग से भारतीय पूंजी बाजार का विकास होगा। इससे निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा होंगे और भारतीय कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना आसान होगा।

कुल मिलाकर, यह नीतिगत बदलाव भारतीय पूंजी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।