News In Brief Agriculture
News In Brief Agriculture

भारत हरित क्रांति के बाद बना दुनिया का दूसरा बड़ा गेहूं उत्पादक

Share Us

352
भारत हरित क्रांति के बाद बना दुनिया का दूसरा बड़ा गेहूं उत्पादक
01 Sep 2022
min read

News Synopsis

भारत India में हरित क्रांति Green Revolution ने कृषि विकास Agriculture Development में अहम भूमिका निभाई है। हरित क्रांति की बदौलत भारत न सिर्फ अनाज उत्पादन Grain Production में आत्मनिर्भर बनने में सफल रहा बल्कि पिछले 6 दशक में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश बन गया है। 1960 में शुरू हुई हरित क्रांति के बाद से अब तक देश के गेहूं उत्पादन Wheat Producer में करीब 1,000 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सरकार के डाटा चार्ट Data Chart के अनुसार, 1960 की शुरुआत में देश का कुल गेहूं उत्पादन Total Wheat Production 98.5 लाख टन था, जो 2021-22 में बढ़कर 1,068.4 लाख टन पहुंच गया। भारत ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान रिकॉर्ड 70 लाख टन अनाज का निर्यात किया था।

इसको लेकर सरकार ने कहा है कि, हरित क्रांति ने कृषि उत्पादकता Agriculture Productivity बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके बाद अन्न की कुल पैदावार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से तीन गुना बढ़ गई है। 1960 के मध्य में प्रति हेक्टेयर 757 किलोग्राम अनाज की पैदावार होती थी, जो 2021 में बढ़कर 2.39 टन हो गई। फसल वर्ष 2021-22 के दौरान देश में रिकॉर्ड 31.57 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हो सकता है। प्रमुख कृषि उत्पादन के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, यह आंकड़ा 2020-21 की कटाई सीजन की तुलना में 49.8 लाख टन अधिक है।

2021-22 में उत्पादन पिछले पांच वर्षों यानी 2016-17 से 2020-21 के औसत उत्पादन Average Production की तुलना में 2.5 करोड़ टन ज्यादा रहने का अनुमान है। वहीं, गेहूं की पैदावार की बात करें तो 2021-22 के दौरान 10.68 करोड़ टन गेहूं उत्पादन रहने का अनुमान है। यह पिछले पांच वर्षों के 10.38 करोड़ टन के औसत उत्पादन से 29.6 लाख टन ज्यादा है।