Income Tax: रिफंड समायोजन पर कर अधिकारियों को अब 21 दिन में लेना होगा निर्णय

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Income Tax: रिफंड समायोजन पर कर अधिकारियों को अब 21 दिन में लेना होगा निर्णय
05 Dec 2022
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News Synopsis

Income Tax: आयकर विभाग Income Tax Department ने बकाया कर Tax Arrears के मुकाबले रिफंड Refunds को समायोजित (एडजस्ट) करने के मामले में करदाताओं को राहत Relief to Taxpayers प्रदान की है। कर अधिकारियों को इस तरह के मामलों में अब 21 दिन में फैसला करना होगा। पहले यह अवधि 30 दिन की थी। इस फैसले से मुकदमे बाजी में कमी आएगी। आयकर विभाग Income Tax Department की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अगर करदाता समायोजन के लिए सहमत नहीं है या आंशिक रूप से सहमत है तो मामले को सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट Central Processing Unit (सीपीसी) द्वारा तुरंत असेसिंग अधिकारी Assessing Officer को भेजा जाएगा। अधिकारी 21 दिन के भीतर सीपीसी को अपनी राय देंगे कि समायोजन किया जा सकता है या नहीं।

आयकर अधिनियम की धारा 245 Section 245 of Income Tax Act के तहत असेसिंग अधिकारी Assessing Officer, करदाता की ओर से बकाया किसी भी कर मांग के खिलाफ रिफंड को समायोजित कर सकता है। यदि करदाता कर मांग से असहमत हैं तो वे इंटीमेशन नोटिस Intimation Notice का जवाब दे सकते हैं। आयकर निदेशालय  Directorate of Income Tax का कहना है कि असेसिंग अधिकारी को वैसे तो अभी 30 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया देनी होती है लेकिन कई मामलों में प्रतिक्रिया समय पर नहीं दी जाती है। इससे रिफंड जारी करने में देरी होती है, जिससे शिकायतें और मुकदमेबाजी होती है। रिफंड जारी करने में इस तरह की देरी से ब्याज का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

वहीं अगर रिफंड के समायोजन से जुड़े कई मामलों में सीपीसी ने पाया कि मांग का गलत वर्गीकरण या असेसिंग अधिकारी Assessing Officer की प्रतिक्रिया न मिलने के चलते रिफंड का गलत समायोजन हुआ। ऐसे में अनावश्यक मुकदमेबाजी हुई। ताजा निर्देश के बाद करदाताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों का तेजी से समाधान होगा। यह निर्देश असेसिंग अधिकारी के इस दायित्व को भी दोहराता है कि विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा दिए गए स्टे और ली गई किस्तों के आधार पर सही मांग की स्थिति को अपडेट Updates किया जा सकेगा।