News In Brief Agriculture
News In Brief Agriculture

IFFCO ने किसानों के लिए पेश किया दुनिया का पहला लिक्विड नैनो यूरिया

Share Us

399
IFFCO ने किसानों के लिए पेश किया दुनिया का पहला लिक्विड नैनो यूरिया
31 May 2022
7 min read

News Synopsis

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Prime Minister Narendra Modi ने गुजरात Gujarat के गांधीनगर Gandhinagar में विश्व के पहले नैनो यूरिया World's first Nano Urea का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि देश में ऐसे 8 और प्लांट स्थापित करने की योजना पर सरकार काम कर रही है। इफको IFFCO के पहले नैनो यूरिया कारखाने की दैनिक उत्पादन क्षमता 500 मीलीलीटर की 1.5 लाख बोतल नैनो यूरिया की है। सभी इकाइयों में 3000 रुपये करोड़ के कुल निवेश के साथ प्रतिदिन दो लाख बोतलों की डिजाइन उत्पादन क्षमता होगी, जिसमें से 720 पहले से ही प्रतिबद्ध है और हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी।

इसके बारे में इफको के प्रबंध निदेशक Managing Director of IFFCO डॉ उदय शंकर अवस्थी Dr. Uday Shankar Awasthi ने संयंत्र के कामकाज और इसकी विभिन्न तकनीकों के बारे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी दी। इफको ने उद्घाटन कार्यक्रम में नैनो यूरिया के उपयोग को एक फिल्म में वहां मौजूद 7000 से अधिक किसानों और सह-संचालकों को दिखाया। फिल्म में बताया गया है कि इसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री की मिट्टी में यूरिया के उपयोग को कम करने के द्दष्टिकोण से ली गई है। अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया क्रांति Nano Urea Revolution का वाहन ड्रोन होगा, क्योंकि यह आधुनिक कृषि तकनीकों और प्रथाओं को पेश करेगा।

आपको बता दें कि इफको का नैनो यूरिया तरल एक क्रांतिकारी उत्पाद है और सतत कृषि की दिशा में एक कदम आगे है।  नैनो यूरिया लिक्विड की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व देता है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इफको या 'इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड' (IFFCO) विश्व का सबसे बड़ा उर्वरक सहकारिता संस्था है। इफको में 40 हजार सहकारिताएँ इसके सदस्य हैं। 3 नवम्बर 1967 को इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड Indian Farmers Fertilizer Cooperative Limited का पंजीकरण एक सहकारी समिति के रूप में किया गया। बहुराज्य सहकारी सोसाइटीज अधिनियम, 1984 व 2002 के अधिनियमन के साथ यह एक बहुराज्य सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत है। यह समिति प्रमुख रूप से उर्वरकों के उत्पादन और विपणन के कार्य में प्रगति के लिए कार्य करती है।