HDFC बैंक ने नियामकीय शर्तों को पूरा करने की मांगी इजाजत

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HDFC बैंक ने नियामकीय शर्तों को पूरा करने की मांगी इजाजत
05 Apr 2022
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News Synopsis

देश के दिग्गज HDFC Bank ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Reserve Bank of India (RBI) से अपील की है कि डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड Development and Finance Corporation Ltd (HDFC लिमिटेड) के साथ विलय merger के बाद जरूरी नियामकीय शर्तों  regulatory terms को उसे चरणों में पूरा करने की इजाजत मिले। HDFC बैंक को विलय के बाद जिन नियामकीय शर्तों को पूरा करना है, उसमे सबसे जरूरी स्टेच्युटरी लिक्विडिटी रेशियो  statutory liquidity ratio (SLR) और कैश रिजर्व रेशियो cash reserve ratio (CRR) है। RBI नियमों के अनुसार, बैंक को अपने कुल डिपॉजिट deposits का कुछ हिस्सा सरकारी बॉन्डों government bonds में निवेश करना होता है, जिसे SLR कहते हैं। जबकि, बैंक को कुल डिपॉजिट का कुछ हिस्सा हमेशा अपने पास लिक्विड स्थिति में रखना होता है, जिसे CRR कहते हैं। फिलहाल SLR 18 फीसदी और CRR 4 फीसदी है। HDFC बैंक, देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक private banks है। बैंक ने HDFC की कुछ संपत्तियों और लायबिलिटी assets and liabilities को लेकर RBI से कुछ समय तक छूट की मांग की है । HDFC के चेयरमैन Chairman दीपक पारेख Deepak Parekh ने कहा कि, "बैंक ने RBI से अनुरोध किया है कि उसे SLR और CRR से जुड़े नियमों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने की इजाजत देने पर विचार किया जाए। साथ ही प्रायॉरिटी सेक्टर Priority Sector को कर्ज देने, कुछ संपत्तियों और लायबिलिटी Assets and Liabilities को नियमों में शामिल करने और उससे जुड़ी कुछ सब्सिडियरी को लेकर चरणबद्ध तरीका अपनाने का अनुरोध किया गया है। RBI को 1 अप्रैल को लिखे लेटर में इनका अनुरोध किया गया है और RBI इस पर विचार कर रहा है।"