Groww के फाउंडर ललित केशरे बने अरबपति, IPO ने किया कमाल
News Synopsis
Groww के शेयर में लिस्टिंग के बाद से 68% का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, और इसके फाउंडर लालित केशरे की नेटवर्थ भी तेजी से बढ़ी है। उनके पास Groww के लगभग 55.9 करोड़ शेयर हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 9,400 करोड़ रुपए हो गई है। इस वजह से वे अब अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। Groww शुरू करने से पहले लालित केशरे फ्लिपकार्ट में काम करते थे। वहां उन्होंने Flipkart Quick और Marketplace जैसी चीजों को संभाला। उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और मध्य प्रदेश के एक किसान परिवार में पले-बढ़े। अपने जिले के एकमात्र अंग्रेजी-मीडियम स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की।
म्यूचुअल फंड से इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म तक का सफर
लालित केशरे ने ग्रो को सिर्फ म्यूचुअल फंड निवेश करने वाली एक ऐप से बदलकर एक पूरा इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बना दिया है। अब Groww पर लोग सिर्फ म्यूचुअल फंड ही नहीं, बल्कि स्टॉक्स, ETFs और IPOs में भी निवेश कर सकते हैं। उनके नेतृत्व में Groww ने यूनिकॉर्न कंपनी का दर्जा हासिल किया है, यानी इसकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर से ऊपर है। कंपनी ने बहुत सारे यूजर माइलस्टोन भी पार किए हैं, और हमेशा कोशिश की है, कि ऐप इस्तेमाल करने में क्लीन, आसान और मोबाइल-फ्रेंडली हो।
लालित केशरे का कहना है, कि Groww को लिस्ट कराना (IPO के जरिए शेयर बाजार में लाना) सिर्फ पैसे जुटाने का मामला नहीं था। यह विश्वास और जवाबदेही का भी मामला था। उन्होंने पहले इंटरव्यू में कहा कि अगर आप लाखों लोगों का पैसा संभाल रहे हैं, तो आपको लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। जब आपके ग्राहक आपके शेयरहोल्डर बन जाते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, और सिस्टम में भरोसा भी बढ़ता है।
Groww को IPO में लाने के पीछे केशरे की रणनीति और उद्देश्य
लालित केशरे ने बताया कि Groww को पब्लिक यानी IPO में लाने के तीन मुख्य कारण थे। पहला - कंपनी का ब्रांड मजबूत करना ताकि लोग Groww पर और भरोसा करें। दूसरा - टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना, ताकि ऐप और प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर बेहतर तरीके से काम कर सके। तीसरा- नए बिजनेस बढ़ाना, जैसे मार्जिन ट्रेड फंडिंग (MTF) और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज (LAS), जिससे निवेशकों को और ज्यादा ऑप्शन मिल सकें। लालित केशरे कहते हैं, कि कंपनी अपने सारे मुनाफे खुद रख सकती थी, लेकिन इससे लंबी उम्र वाली और भरोसेमंद कंपनी नहीं बनती। उनका मानना है, कि पब्लिक में होना कंपनी को मजबूत और पारदर्शी बनाता है। जब ग्राहक कंपनी के शेयरहोल्डर भी बन जाते हैं, तो उनकी जिम्मेदारी और भरोसा और बढ़ जाता है।
लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट का मौका
एनालिस्ट्स का मानना है, कि Groww में लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट का मौका है। यह न केवल कंपनी की अपनी ताकत दिखाता है, बल्कि भारत में बढ़ते हुए शेयर बाजार और निवेशकों की भागीदारी को भी दिखाता है। इसलिए निवेशकों को इसे मीडियम से लंबी अवधि के निवेश के रूप में देखना चाहिए। मेहता इक्विटीज के एक्सपर्ट प्रशांत टैप्से कहते हैं, कि निवेशकों को Groww के शेयर लंबी अवधि के लिए रखना चाहिए। कंपनी की ताकत और भविष्य की बढ़त को देखते हुए यह एक सुरक्षित ऑप्शन हो सकता है। हालांकि छोटे समय के बाजार उतार-चढ़ाव का ध्यान रखना जरूरी है।


