Greaves Electric को IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली

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Greaves Electric को IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली
14 May 2025
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News Synopsis

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर Greaves Electric Mobility के प्रस्तावित IPO को मंजूरी दे दी है। ग्रीव्स इलेक्ट्रिक, ओला इलेक्ट्रिक और एथर एनर्जी के बाद कैपिटल मार्केट में प्रवेश करने वाली तीसरी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर होगी।

बेंगलुरू स्थित यह कंपनी ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शाखा है। यह एम्पीयर ब्रांड के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाती और बेचती है, तथा एली, ग्रीव्स और इलेक्ट्रा ब्रांड के तहत इलेक्ट्रिक और आईसीई थ्री-व्हीलर बनाती और बेचती है।

कंपनी ने दिसंबर में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया था। यह शेयरों के फ्रेश इशू के माध्यम से 1,000 करोड़ रुपये (10 बिलियन रुपये) जुटाने की योजना बना रही है, जबकि इसके प्रमोटर और इन्वेस्टर्स 18.94 करोड़ (189.4 मिलियन) शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं।

प्रस्तावित सेल प्रस्ताव में ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड (पैरेंट कंपनी) के 51 मिलियन शेयर और इन्वेस्टर अब्दुल लतीफ जमील ग्रीन मोबिलिटी सॉल्यूशंस डीएमसीसी के 138.4 मिलियन शेयर शामिल हैं।

वर्तमान में ग्रीव्स कॉटन के पास ग्रीव्स इलेक्ट्रिक में 62.5% हिस्सेदारी है, और अब्दुल लतीफ जमील ग्रीन मोबिलिटी के पास शेष हिस्सेदारी है।

कंपनी ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, टीवीएस मोटर, बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प जैसी प्रमुख कंपनियों के साथ कम्पटीशन करती है। इसकी मौजूदगी करीब 27 राज्यों में है, जिसमें करीब 309 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और 188 थ्री-व्हीलर डीलर हैं।

ग्रीव्स इलेक्ट्रिक का इरादा फ्रेश इश्यू से मिलने वाली नेट इनकम का इस्तेमाल प्रोडक्ट रिसर्च और डेवलपमेंट, इन-हाउस बैटरी असेंबली क्षमताओं का निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ावा देने के लिए करना है।

इनकम से मिलने वाली करीब 375 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और बेंगलुरु में अपने टेक्नोलॉजी सेंटर में क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

FY27 तक तमिलनाडु में अपने रानीपेट प्लांट में इन-हाउस बैटरी पैक असेंबली लाइन स्थापित करने के लिए करीब 83 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जाएगा।

फिलहाल ऑटोमेकर बाहरी सप्लायर से असेंबल किए गए बैटरी पैक खरीदता है। इसने बैटरी पैक को असेंबल करने के लिए सेल की सप्लाई के लिए साउथ-ईस्ट एशिया, चाइना और भारत में 13 सप्लायर की पहचान की है।

ऑटोमेकर के पास तीन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए तमिलनाडु में रानीपेट, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के लिए उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा और इलेक्ट्रिक और आईसीई थ्री-व्हीलर के लिए तेलंगाना में तूप्रान।

यह FY27 तक तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में अपने कारखानों में थ्री-व्हीलर की प्रोडक्शन कैपेसिटी को दोगुना से अधिक करने की योजना बना रहा है। ग्रेटर नोएडा प्लांट की क्षमता को 21,514 यूनिट से बढ़ाकर 45,896 यूनिट तक बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, जबकि तूप्रान प्लांट की क्षमता को 13,538 यूनिट से बढ़ाकर 34,800 यूनिट तक बढ़ाया जाएगा।

इस बीच ग्रीव्स इलेक्ट्रिक जुटाए गए फंड से 74 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी सहायक कंपनी MLR ऑटो लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करेगी, जो तूप्रान फैसिलिटी का ऑपरेट करती है।

कंपनी के पास अब MLR ऑटो में 51% हिस्सेदारी है, और कॉल ऑप्शन के इस्तेमाल के जरिए इसे पूरी तरह से हासिल करने की योजना है। 2021 में ग्रीव्स इलेक्ट्रिक द्वारा एमएलआर ऑटो के अधिग्रहण से उसे एल5-थ्री-व्हीलर सेगमेंट में प्रवेश करने में मदद मिली।

FY24 में ग्रीव्स इलेक्ट्रिक का ऑपरेशन से रेवेनुए 611.8 करोड़ रुपये था, जो ईयर-ओवर-ईयर 45.5% की गिरावट दर्शाता है। टॉपलाइन में यह कमी पूरे वर्ष इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की सेल वॉल्यूम में उल्लेखनीय गिरावट के कारण है।

कंपनी की टॉपलाइन में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का योगदान लगभग 67% रहा। हालांकि FY23 में 109,000 यूनिट से वर्ष के दौरान उनकी सेल वॉल्यूम आधी से भी अधिक घटकर 47,820 यूनिट रह गई। दूसरी ओर थ्री-व्हीलर की मात्रा पिछले वर्ष की 6,870 यूनिट से दोगुनी होकर 13,470 यूनिट हो गई।

Greaves Electric ने अभी तक नेट प्रॉफिट की रिपोर्ट नहीं की है। FY24 में कंपनी का नेट लॉस 19.91 करोड़ रुपये से उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 680.6 करोड़ रुपये हो गया। यह मुख्य रूप से 477.32 करोड़ रुपये की एक असाधारण आइटम के कारण है, जिसे 2023 में FAME 2 गबन मामले को निपटाने के लिए सरकार को वापस किए गए 139.98 करोड़ रुपये और 337.34 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्तियों से उत्पन्न हानि के रूप में दर्ज किया गया है।