News In Brief Government Policies
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भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय 2.0 के लिए तैयार

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भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय 2.0 के लिए तैयार
15 Jul 2022
7 min read

News Synopsis

सरकारी बैंकों Public Sector Banks में मर्जर का दूसरा दौर Second Round of Merger 2.0 जल्द शुरू हो सकता है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी Senior Officials of Ministry of Finance के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय Bank Merger के अगले दौर की शुरुआत कर सकती है। इसमें 4 से 5 बड़े बैंक होने की उम्मीद है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस विलय के साथ, केंद्र को देश के सबसे बड़े ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया State Bank of India की तरह 4 से 5 बड़े और मजबूत बैंक होने के अस्तित्व में आने की उम्मीद है। 

आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारत में सार्वजनिक क्षेत्र Public Sector in India के सात बड़े और पांच छोटे बैंक हैं। हालांकि यह एक व्यापक अध्ययन की जांच के बाद ही किया जाएगा। संबंधित बैंकों को महीने के अंत तक अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि तीन साल पहले 2019 में, केंद्र सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों Nationalized Banks के चार बड़े ऋणदाताओं में विलय करने की घोषणा की थी, जिससे सरकारी सेक्टर के बैंकों की संख्या कम होकर 12 हो गई थी। इससे दो साल और पहले यानी 2017 में भारत में 27 राज्य संचालित ऋणदाता थे। विलय अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गया था।

एनसीएईआर के निदेशक और अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया NCAER Director and Economist Arvind Panagariya की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएसबी पिछले एक दशक में ज्यादातर प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में केपीआई में निजी बैंकों से पिछड़ गए हैं। इसमें कहा गया है कि उन्होंने उच्च परिचालन लागत और खराब ऋण का अनुभव किया है। इन पीएसबी को निजी क्षेत्र में अपने समकक्षों की तुलना में इक्विटी और परिसंपत्तियों पर कम रिटर्न मिलता है।

अगर गौर करें तो सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंक ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहबाद बैंक Oriental Bank of Commerce, United Bank of India, Syndicate Bank, Andhra Bank, Corporation Bank and Allahabad Bank अब इतिहास का हिस्सा बन गये हैं। इन बैंकों का विलय चार बड़े बैंकों में किया गया था। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों ने पिछले वर्षों में सभी प्रमुख संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन किया है। कुछ बैंकों का मुनाफा भी बढ़कर दोगुना हो गया है। बताया जा रहा है कि सरकार बैंकों के निजीकरण के लिए जल्द ही संसद में विधेयक Parliament bill पेश कर सकती है।