सच्ची कहानी पर आधारित है गंगूबाई काठियावाड़ी फ़िल्म

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सच्ची कहानी पर आधारित है गंगूबाई काठियावाड़ी फ़िल्म
25 Feb 2022
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आलिया भट्ट की नई फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी कई वजह से काफी चर्चित रही है, जिसे 25 फ़रवरी 2022 यानि कि आज रिलीज किया गया है। फ़िल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली की ये फ़िल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की सच्ची कहानी पर आधारित है। जिसमें इनके जीवन परिचय के बारे में बताया है। आज इस लेख में आप इस फ़िल्म और गंगूबाई की सच्ची कहानी के बारे में बताएंगे।

आप जानते होंगे आलिया भट्ट नई फ़िल्म (new movie) गंगूबाई पर चल रहे विवाद की वजह से आजकल काफी सुर्खियों में छाई हुई थी। लेकिन इसका ट्रेलर जब से लॉन्च हुआ है तब से लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार है। लेकिन आज इंतजार ख़त्म हो गया क्योंकि आपको बता दें कि ये फ़िल्म 25 फ़रवरी यानी कि आज रिलीज हो गई है। इस फ़िल्म में आलिया भट्ट गंगूबाई के लीड रोल में है और शांतनु माहेश्वरी (Shantanu Maheshwari) जो गंगूबाई के पति का रोल में है और अजय देवगन (Ajay Devgn) फ़िल्म में करीम लाला (Karim Lala) के किरदार में आपको दिखाई देंगे। आलिया भट्ट (Alia Bhatt) ने फ़िल्म की प्रोमशन में बताया कि ये फ़िल्म मुंबई में रहने वाली गंगूबाई काठियावाड़ी की सच्ची कहानी (Real Story of Gangubai Kathiyawadi) पर आधारित है। गंगूबाई के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव रहें है जिसकी वजह से वे उन्हें उनके हालातों ने अपराधी, डॉन, एक वेश्या, बिजनेस वूमेन सब बना दिया। कहा जाता है कि ये एक ऐसी महिला थी जो डॉन की तरह रहा करती थी उनसे कोई भी पंगा लेने से पहले सौ बार सोचता था। पेशे से वह एक कोठा चलाया करती थी जिसकी पूरे देश में कई सारी ब्रांच भी थी। तो चलिए जानते है आज इस आर्टिकल में गंगूबाई काठियावाड़ी के जीवन की असल कहानी की कौन थी गंगूबाई (Who is Gangubai Kathiyawadi)

गंगूबाई काठियावाड़ी की असल कहानी (Gangubai Kathiyawadi Biography)

गंगूबाई काठियावाड़ी का मुंबई माफिया जगत में एक बहुत बड़ा नाम था। जिन्हें मुंबई की मशहूर माफिया क्वीन (Mafia Queen) भी कहा जाता था। इनका जन्म 1939 में गुजरात में स्थित काठियावाड़ में हुआ। यह एक अच्छे और सम्मानित परिवार से तालुक रखती एकलौती बेटी थी। इनके परिवार के सदस्य बेहद सम्मानजनक थे, जो बेटियों के विकास और पढ़ाई लिखाई को हमेशा आगे रखते थे। इसलिए वे गंगूबाई को भी पढ़ा लिखा कर कुछ बड़ा बनने का सपना देखा करते थे। लेकिन गंगूबाई थोड़ा अलग थी उन्हें पढ़ाई-लिखाई जैसी चीज़ो में कोई दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि उन्हें बचपन से फिल्मों में काम करना ज़्यादा दिलचस्प लगता था। इसलिए वे हमेशा ही मुंबई जाकर एक प्रसिद्ध हीरोइन बनने का सपना देखा करती थीं। लेकिन सपने को पूरा करने से पहले उन्होंने शादी कर ली।

कैसे और किससे हुई गंगूबाई काठियावाड़ी की शादी

गंगुबाई जी के पिता ने एक अकाउंटेंट काम पर रखा था, जिसका नाम रमणीक था। वे उनके पास काम करने से पहले मुंबई में काम करता था। गंगूबाई को जब ये पता चला कि रमणीक मुंबई से आया है तो उन्हें मानो अपना सपना पूरा करने का एक रास्ता मिल गया हो तो उन्होंने धीरे-धीरे उस से दोस्ती कर ली और ये दोस्ती एक दिन प्यार में बदल गई। उस समय गंगूबाई केवल 16 साल की थी। उन्होंने रमणीक के साथ घर से भागकर मंदिर में शादी कर ली। अब जानना ये की उन्होंने आपस में अपनी मर्ज़ी से शादी (love marriage) तो कर ली लेकिन शादी के बाद कैसा रहा उनका जीवन।

शादी के बाद गंगूबाई का जीवन

शादी के बाद गंगूबाई और रमणीक दोनों गुजरात से मुंबई चले गए और वहां रहने लगे। कुछ दिनों बाद रमणीक ने उसे एक औरत को अपनी मौसी कहकर साथ में भेज दिया और कहा कि जब तक में हमारे लिए एक घर नई ढूंढ़ लेता तब तक तुम इनके साथ रहना। रमणीक ने झूठ बोलकर गंगूबाई को एक कोठे वाली के हवाले 500 रुपए में बेच दिया। गंगूबाई नहीं जानती थी कि वे जिस औरत के साथ भेजी जा रही थी वो रमणीक की मौसी नहीं बल्कि मुंबई मशहूर स्थान कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया की एक कोठे वाली है।

कठोर परिस्थितियों के बाद गंगूबाई बनी कोठे वाली

गंगूबाई धोखे से जब मुंबई में कमाठीपुरा के रेड लाइट एरिया में पहुंची तो वे काफी डर गई थी पर उन्हें पास अपने हालातों से समझौता करने के अलावा कुछ नहीं था। लेकिन एक दिन गंगूबाई के साथ ऐसी दर्दनाक घटना हुई जिसने उसे बदलकर रख दिया। हुआ यूं कि वहां एक बार वहशी दरिंदा जिसका नाम शौकत खान था उसने गंगूबाई के साथ जबरदस्ती की और उसको इस कदर नोच खाया कि उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें तभी तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। गंगूबाई की हालत में जैसे ही सुधार आया तो वैसे ही वे उस अदमी की पूरी जानकारी निकलने में जुट गई। तब उन्हें पता चला कि शौकत खान मशहूर डॉन करीम लाला के साथ काम करता है। गंगूबाई सीधे करीम लाला के पास गई और उन्होंने शौकत खान द्वारा की गई शर्मनाक हरकत बताई। करीम लाला ने गंगूबाई की बात को समझा और उन्हें गंगूबाई की रक्षा करने का वचन दिया। वहीं शौकत खान को इस हरक़त के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी।

इस घटना के बाद गंगूबाई ने करीम लाला को राखी बांधकर मुँह बोला भाई बना लिया। उसी दिन से गंगूबाई को कमाठीपुरा में डॉन के नाम से जाना जाने लगा। और धीरे-धीरे वे प्रचलित होने लगी। जिस तरह मुंबई के लोग करीम लाला से डरते थे उतना ही गंगूबाई से भी डरने लगे। गंगूबाई अपने पेशे से पूरी तरह से एक वैश्य के रंग में तो रंग गई थी तो बन गई लेकिन उन्होंने उस क्षेत्र में काम करने वाली सभी वेश्याओं के लिए बहुत अच्छे और सकरात्मक कदम उठाएं। धोखाधड़ी से वहां तक पहुंचने वाली किसी भी महिला से वह जबर्दस्ती ऐसा कोई काम नही करवाती थी। इसके अलावा उन्होंने कई अनाथ बच्चों के लिए भी बड़े-बड़े काम किये है। गंगूबाई हमेशा कहती थी यदि मुंबई में ये रेड लाइट एरिया न हो तो मुंबई में औरतों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा।

देखिए गंगूबाई काठियावाड़ी बॉयोपिक फिल्म (Gangubai Kathiyawadi Biopic Film)

गंगूबाई काठियावाड़ी का ये उतार-चढ़ाव वाला जीवन जल्द ही हमारे भारतीय सिनेमा के बड़े बॉलीवुड पर्दे पर रलीज हो गई है। इस फ़िल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली (director Sanjay Leela Bhansali) है। आलिया भट्ट इस फ़िल्म में अहम रोल प्ले कर रही है ये तो सब जानते ही हैं इसके लिए उन्होंने इस फ़िल्म में बहुत मेहनत की है और उन्हें काठियावाड़ भाषा भी सिखाई गई है जिसमें उन्हें रेड लाइट एरिया में इस्तेमाल करने वाली गंदी गालियां भी सिखाई गई है।

यानी संजय लीला भंसाली ने रेड लाइट एरिया की सारी असलियत को इस बड़े पर्दे पर उतारा है। जहां एक तरफ गंगूबाई की जीवन की कठोर परिस्थियां और तकलीफों आदि के बारे में बताया है और दूसरी तरफ उनके साहस को दिखाया है। अब इस फ़िल्म को देखने के लिए आपको और इन्तजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि इसकी रिलीजिंग (releasing date)  डेट हम आपको ऊपर ही बता चुके है जो 25 फरवरी 2022 यानी आज है। तो अभी जाइए अपने निजी सिनेमा हॉल (cinema hall) में और इस फ़िल्म को देखने का मज़ा उठाइये। इसके अलावा आप इसे थोड़े समय बाद नेटफ्लिक्स (Netflix) ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) पर भी देख सकतें है।

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गंगूबाई काठियावाड़ी पर क्यों हुआ इतना विवाद

आपको बता दें कि ये फ़िल्म विवाद की वजह से काफी चर्चा में रही है। जिसकी वजह से इतने समय से रिलीज होने से रुकी हुई थी। दरअसल जब गंगूबाई की फ़िल्म का टीज़र आया तो उनके परिवार वालों को ये बिल्कुक पसन्द नहीं आया। जिस वजह से उन्होंने संजय लीला भंसाली और पिक्चर की कहानी के लेखक हुसैन जैदी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया गया है। परिवार वालों का कहना है कि पिक्चर के अंदर गंगूबाई की छवि सही नहीं पेश की गई है। गंगूबाई काठियावाड़ी एक समाजसेवी थी परंतु पिक्चर के अंदर उन्हें प्रॉस्टिट्यूट यानी कि वेश्या के तौर पर दिखाया गया है और इसी वजह से गंगूबाई के परिवार वाले काफी ज्यादा क्रोधित थे और उन्होंने इस पर मुकदमा दर्ज करवाया था। लेकिन ये विवाद हटने के बाद आज संजय लीला भंसाली के जन्मदिन पर रिलीज हो रही है।