रूस-यूक्रेन संघर्ष का असर, भारत से गेहूं का बढ़ सकता है निर्यात

News Synopsis
रूस और यूक्रेन Russia and Ukraine के बीच जारी युद्ध का असर भारत India पर भी देखने को मिल सकता है। इस संघर्ष के असर से भारत से गेहूं और मक्के Wheat and Maize के निर्यात Export में इजाफा हो सकता है। जबकि इस लड़ाई का सीधा असर कमोडिटीज की ग्लोबल Global Supply of Commodities सप्लाई पर पड़ रहा है। क्रिसिल रिसर्च Crisil Research ने कमोडिटीज की सप्लाई पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कई कमोडिटीज की सप्लाई पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी दी गई है। क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया है कि, भारत के एग्री-ट्रेड Agri-Trade पर यूक्रेन क्राइसिस Ukraine Crisis का मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। वहीं, इंडिया के लिए गेहूं और मक्का का निर्यात बढ़ाने के लिए यह बड़ा मौका होगा। लेकिन, खाद्य तेलों के इंपोर्ट पर होने वाला खर्च बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस क्राइसिस के चलते एडिबल ऑयल Edible Oils की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि, "रूस और यूक्रेन गेहूं, सनफ्लावर ऑयल Sunflower Oil और मक्का के बड़े सप्लायर हैं। भारत गेहूं का बड़ा एक्सपोर्टर है, जबकि सनफ्लावर समेत एडिबल ऑयल का बड़ा इंपोर्टर है। इसलिए इस क्राइसिस से भारत के लिए गेहूं और मक्का का निर्यात बढ़ाने का मौका है, लेकिन उसका एडिबल ऑयल का इंपोर्ट बिल Import Bill काफी बढ़ जाएगा।"