TRAI: अब फेक कॉल और एसएमएस पर लगेगी लगाम, आएगी नई टेक्नोलॉजी 

Share Us

470
TRAI: अब फेक कॉल और एसएमएस पर लगेगी लगाम, आएगी नई टेक्नोलॉजी 
29 Nov 2022
7 min read

News Synopsis

TRAI: देश में स्मार्टफोन यूजर्स Smartphone Users को जल्द ही फेक कॉल और फेक एसएमएस Fake Calls and Fake SMS से छुटकारा मिलने की उम्मीद है। इसको लेकर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण Telecom Regulatory Authority of India (ट्राई) नई टेक्नोलॉजी New Technology पर काम करा रहा है। सोमवार को ट्राई TRAI ने जानकारी देते हुए बताया कि वह वित्तीय धोखाधड़ी Financial Frauds को रोकने के लिए अन्य नियामकों के साथ एक संयुक्त कार्य योजना Joint Action Plan के साथ-साथ फेक कॉल और मैसेज का पता लगाने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है।

दरअसल, स्पैम कॉल Spam Calls को रोकने के लिए सरकार ने ब्लॉकचेन तकनीक Blockchain Technology पर काम करने की तैयारी कर रही है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपने बयान में आगे कहा कि अवांछित वाणिज्यिक संचार Unsolicited Commercial Communications (यूसीसी) या फेक संचार जनता के लिए असुविधा का एक प्रमुख स्रोत है और व्यक्तियों की गोपनीयता पर अतिक्रमण करता है। साथ ही अब अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स Unregistered Telemarketers (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतें complaints to trai दर्ज कराई गई हैं, जहां विभिन्न प्रकार के यूसीसी एसएमएस को बढ़ावा देने में वृद्धि देखी गई है।

इसके अलावा, यूसीसी कॉल UCC Calls भी एक चिंता का विषय बनी हुई है, जिसे यूसीसी एसएमएस के साथ समान रूप से निपटाए जाने की जरूरत है। पेस्की कॉल और मैसेज Pesky Calls and Messages के खतरे को रोकने के लिए, ट्राई ने टेलीकॉम कॉमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस Telecom Commercial Communications Customer Preference Regulations-2018 भी जारी किया है, जिसने ब्लॉकचेन (डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी-डीएलटी) पर आधारित एक इकोसिस्टम बनाया गया है।

यह रेगुलेशन सभी वाणिज्यिक प्रमोटर्स और टेली मार्केटर्स Commercial Promoters and Telemarketers को डीएलटी प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करने और उनकी पसंद के समय और दिन पर विभिन्न प्रकार के प्रचार मैसेज प्राप्त करने के लिए ग्राहक सहमति लेने के लिए अनिवार्य करता है।

 

01 Sep 2022

LAST UPDATE

देश में इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग एप Internet Calling and Messaging App को रेगुलेट Regulate करने के लिए राय मांगी गई है। ये राय दूरसंचार विभाग ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण Telecom Regulatory Authority of India (ट्राई) से मांगी है। दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि दूरसंचार विभाग व्हाट्सएप WhatsApp, सिग्नल Signal, गूगल मीट Google Meet जैसे इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग एप को अच्छे से रेगुलेट करने के लिए एक ढांचा तैयार कर रहा है और इसके लिए ट्राई से विचार मांगे गए हैं।

गौर करने वाली बात ये है कि  दूरसंचार विभाग ने पिछले हफ्ते 2008 में जारी इंटरनेट टेलीफोनी Internet Telephony पर ट्राई की एक सिफारिश को समीक्षा के लिए वापस भेज दिया था। जिसके बाद दूरसंचार विभाग द्वारा ट्राई को नई टेक्नोलॉजी और इसमें तकनीकी बदलाव Technology Change से संबंधित व्यापक संदर्भ के साथ आने के लिए निर्देश दिए गए थे। अधिकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने ट्राई की इंटरनेट टेलीफोनी सिफारिश को अस्वीकार कर दिया था और अब ट्राई से इंटरनेट टेलीफोनी और ओवर-द-टॉप Over-the-Top (OTT) के लिए भी व्यापक संदर्भ मांगे गए हैं।

दरअसल, टेलीकॉम ऑपरेटर्स सरकार से इंडस्ट्री में समान सेवा-समान नियम के सिद्धांत को लागू करने की मांग कर रहे हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स Telecom Operators का कहना है कि इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग एप को भी टेलीकॉम कंपनियों के बराबर लाइसेंस फीस License Fee का भुगतान करना चाहिए।

बता दें कि 2008 में ट्राई ने आईएसपी को सामान्य टेलीफोन नेटवर्क पर कॉल सहित इंटरनेट टेलीफोनी प्रदान करने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। ट्राई ने कहा था कि इसके लिए आईएसपी को इंटरकनेक्शन शुल्क का भुगतान और सुरक्षा एजेंसियों की आवश्यकता के अनुसार वैध अवरोधन उपकरण को स्थापित करना चाहिए।