भारत से श्रीलंका के आर्थिक हालात की तुलना बेवकूफी- अनिल पनगढ़िया
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अनिल पनगढ़िया Anil Panagariya जो की नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष former Vice Chairman of NITI Aayog रह चुके हैं उनका कहना है कि श्रीलंका के आर्थिक हालात economic conditions of Sri Lanka की तुलना भारत से करना बेवकूफी भरी बात है। ऐसी तुलना पर हंसी आती है। जबकि, हमें भविष्य के वृहद आर्थिक प्रबंधन macroeconomic management के लिए श्रीलंका संकट के अनुभव से सबक सीखना चाहिए।
उन्होंने कहा, 1991 के भुगतान संतुलन balance of payments के संकट के बाद देश की सरकारों ने संकुचित तरीके से वृहद अर्थव्यवस्था का प्रबंधन management of the macro economy किया है। भारत की जहां तक बात है तो राजकोषीय घाटे fiscal deficit को हाथ से बाहर नहीं जाने दिया गया है। राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए विदेश से कर्ज नहीं लिया गया है। जबकि, वर्तमान समय में श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
इसी कड़ी में भारत बढ-चढ़कर पड़ोसी देश श्रीलंका की मदद कर रहा है। पनगढ़िया ने महंगाई पर बोलते हुए कहा है कि, इस पर लगाम लगाने के लिए मौद्रिक नीति monetary policy में कदम उठाए गए हैं। चालू खाते के घाटे को काबू में रखने के लिए विनिमय दरों exchange rates को नीचे आने दिया गया है। पूंजी प्रवाह को भी सोच-समझकर खोला गया है।
उन्होंने आगे कहा कि, भारत की समस्या बेरोजगारी unemployment न होकर कम रोजगार या कम उत्पादकता वाले रोजगार की समस्या है। हमें ऐसे रोजगार पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें लोगों को अच्छी आय मिले।