कनाडा ने WTO में अमेरिका के खिलाफ स्टील और एल्युमिनियम शुल्क पर दी चुनौती

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कनाडा ने आधिकारिक रूप से वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने अमेरिकी सरकार द्वारा कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए आयात शुल्क को चुनौती दी है।
यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को और बढ़ा सकता है। WTO के आधिकारिक बयान के अनुसार, कनाडा ने इन शुल्कों के खिलाफ औपचारिक चर्चा की मांग की है, जिसे उसने वैश्विक व्यापार समझौतों का उल्लंघन बताया है।
गुरुवार को WTO के सदस्य देशों के बीच इस अनुरोध को साझा किया गया, जिससे संकेत मिलता है कि यह मामला कानूनी लड़ाई में बदल सकता है। कनाडा का कहना है कि अमेरिका ने अनुचित तरीके से शुल्क छूट को समाप्त कर दिया और स्टील व एल्युमिनियम आयात पर शुल्क बढ़ा दिए, जो 1994 के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) के तहत अमेरिका की प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है। यह जानकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने दी है।
अमेरिका से औपचारिक बातचीत की मांग कर रहा कनाडा Canada is seeking formal talks with America
कनाडा की निर्यात संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मैरी न्ग Mary Ng, Canada’s Minister of Export Promotion, International Trade, and Economic Development ने बुधवार को इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि कनाडा, अमेरिका के साथ इन शुल्कों को लेकर औपचारिक चर्चा की प्रक्रिया शुरू कर रहा है।
उन्होंने कहा, "कनाडा गहराई से निराश है कि अमेरिका ने एकतरफा तरीके से ये अनुचित शुल्क फिर से लागू कर दिए हैं, जो सीमा के दोनों ओर कामगारों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि "ये एकतरफा शुल्क अमेरिका की कनाडा-अमेरिका-मेक्सिको समझौता (CUSMA) और WTO समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन हैं।"
कनाडाई अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे अमेरिका द्वारा लगाए गए इन व्यापारिक प्रतिबंधों को अनुचित मानते हैं और इसे चुनौती देंगे।
कनाडा ने अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम पर जवाबी शुल्क लगाए Canada imposes retaliatory tariffs on US steel and aluminium
इसके जवाब में, कनाडा ने बुधवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 29.8 बिलियन कनाडाई डॉलर ($20.7 बिलियन) मूल्य के बराबर शुल्क लगाएगा। यह कदम कनाडाई उद्योगों की सुरक्षा और व्यवसायों व कर्मचारियों को अमेरिकी व्यापार नीतियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए उठाया गया है।
कनाडा के नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन Francois-Philippe Champagne, Minister of Innovation, Science, and Industry ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम, उत्तरी अमेरिका की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा और विनिर्माण इकाइयों का एक प्रमुख हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, "कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम, उत्तरी अमेरिका की बुनियादी ढांचा और विनिर्माण इकाइयों की रीढ़ हैं। यह अमेरिकी रक्षा, जहाज निर्माण और ऑटोमोबाइल उद्योग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का भी समर्थन करता है।"
मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने इंडस्ट्री कनाडा को निर्देश दिया है कि वे ऐसे प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दें, जिनमें मुख्य रूप से कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम का उपयोग किया जाए।
अमेरिका ने पहले शुल्क बढ़ाया, फिर अचानक फैसला बदला America first increased tariffs, then suddenly changed its decision
व्यापार तनाव तब बढ़ गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप US President Donald Trump ने 10 फरवरी को एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने एल्युमिनियम आयात पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया। यह वृद्धि पहले से ही स्टील पर लागू शुल्क के बराबर कर दी गई।
इसके अलावा, अमेरिका ने शुल्क-मुक्त कोटा, छूट और विशेष प्रावधानों को भी समाप्त कर दिया। ये नए शुल्क 12 मार्च से लागू होने वाले थे।
हालांकि, 11 मार्च को स्थिति अचानक बदल गई जब ट्रंप ने घोषणा की कि कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम पर शुल्क 50% तक बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय कनाडा के ओंटारियो प्रांत द्वारा अमेरिका को बिजली निर्यात पर लगाए गए शुल्क के जवाब में लिया गया था।
लेकिन उसी दिन बाद में, अमेरिका ने इस निर्णय को पलट दिया क्योंकि ओंटारियो ने अमेरिका के तीन राज्यों पर लगाए गए बिजली निर्यात शुल्क को हटा दिया।
आगे क्या होगा? अमेरिका-कनाडा व्यापार संबंधों पर असर
कनाडा द्वारा World Trade Organization (WTO) में अमेरिका के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद, अब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ने की संभावना है। अगर इस मामले को द्विपक्षीय बातचीत से हल नहीं किया गया, तो यह WTO के विवाद समाधान तंत्र के तहत कानूनी लड़ाई में बदल सकता है, जो महीनों या वर्षों तक चल सकती है।
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर WTO का फैसला कनाडा के पक्ष में जाता है, तो अमेरिका को अपने शुल्क वापस लेने पड़ सकते हैं। लेकिन अगर अमेरिका के पक्ष में फैसला आता है, तो इससे और अधिक संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को बढ़ावा मिल सकता है।
इस व्यापार विवाद के परिणामों पर दोनों देशों के व्यवसाय, नीति-निर्माता और व्यापारी गहराई से नजर बनाए हुए हैं।