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कैबिनेट ने खाद्यान्न भंडारण क्षमता को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी

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कैबिनेट ने खाद्यान्न भंडारण क्षमता को बढ़ावा देने की योजना को मंजूरी दी
31 May 2023
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News Synopsis

सूचना मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मई को देश भर में खाद्यान्न भंडारण की क्षमता बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी।

अनुराग सिंह ठाकुर Anurag Singh Thakur ने नई दिल्ली New Delhi में संवाददाताओं से कहा कि योजना जिसकी लागत 1 लाख करोड़ रुपये होगी, अन्य योजनाओं के लिए पहले से आवंटित धन का उपयोग करेगी।

उन्होंने कहा कि योजना पूरे भारत में सहकारी समितियों का उपयोग नए गोदाम स्थापित करने, खाद्य सुरक्षा में सहायता करने और आयात को कम करने के लिए करेगी।

पत्र सूचना कार्यालय के एक बयान के अनुसार इस योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना World's Largest Grain Storage Scheme in Cooperative Sector के रूप में करार दिया गया है।

इस योजना को देश भर के कम से कम 10 चयनित जिलों में एक पायलट परियोजना Pilot Project के साथ शुरू किया जाएगा।

कैबिनेट ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण द्वारा योजना की सुविधा के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन और सशक्तिकरण Constitution and Empowerment of Inter-Ministerial Committee को भी मंजूरी दी।

यह योजना कृषि अवसंरचना निधि, कृषि विपणन अवसंरचना योजना, बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन, कृषि यंत्रीकरण पर उप मिशन, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना के प्रधान मंत्री औपचारिककरण, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत उपलब्ध परिव्यय का उपयोग करके कार्यान्वित की जाएगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम National Food Security Act के तहत खाद्यान्न का आवंटन एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन की कार्यवाही।

इस योजना से चयनित व्यवहार्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों Viable Primary Agricultural Credit Societies में कृषि और संबद्ध उद्देश्यों के लिए गोदामों आदि जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा।

यह प्राथमिक कृषि साख समितियों को विभिन्न गतिविधियाँ करने में मदद करेगा, जैसे कि राज्य एजेंसियों या भारतीय खाद्य निगम State Agencies or Food Corporation of India के लिए खरीद केंद्रों के रूप में कार्य करना, उचित मूल्य की दुकानों के रूप में कार्य करना, कस्टम हायरिंग सेंटर Custom Hiring Center स्थापित करना, और सामान्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।

इस योजना से स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ेगी, खाद्यान्न की बर्बादी कम होगी और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।

सरकार ने कहा किसानों को विभिन्न विकल्प प्रदान करके यह फसलों की संकटपूर्ण बिक्री को रोकेगा, जिससे किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे खरीद केंद्रों तक खाद्यान्न की ढुलाई में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।

सरकार के अनुसार भारत में 13 करोड़ से अधिक किसानों के विशाल सदस्य आधार के साथ 100,000 से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियां हैं।