BPCL ने Mozambique LNG प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की योजना बनाई

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सरकारी स्वामित्व वाली Bharat Petroleum Corporation को उम्मीद है, कि जुलाई 2025 तक उसकी लंबे समय से लंबित Mozambique LNG प्रोजेक्ट में अप्रत्याशित घटना के समाधान के साथ ऑपरेशन फिर से शुरू हो जाएगा, कंपनी के फाइनेंस डायरेक्टर वी.आर.के. गुप्ता ने कहा। यह विकास ऐसे समय में हुआ है, जब इंडियन आयल और गैस कंपनियाँ बढ़ती एनर्जी मांग के बीच अपने अपस्ट्रीम विस्तार की योजना बना रही हैं।
“BPCL के लिए एक पॉजिटिव डेवलपमेंट में यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक जिसने $4.7 बिलियन की सबसे बड़ी प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग कमिटमेंट की थी, और मोजाम्बिक प्रोजेक्ट में अपनी भागीदारी जारी रखने के निर्णय को मंजूरी दे दी। इस कार्रवाई का उद्देश्य जुलाई 2025 से पहले पूर्ण पुनरारंभ और अप्रत्याशित घटना समाधान की सुविधा प्रदान करना है,” कंपनी ने कहा। प्रोजेक्ट के जुलाई 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।
मार्च 2021 में प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था, जब प्रोजेक्ट के ऑपरेटर फ्रांस स्थित टोटलएनर्जीज एसई ने घोषणा की थी। तीन इंडियन आयल कंपनियों ओएनजीसी विदेश, बीपीसीएल और ऑयल इंडिया की इस प्रोजेक्ट में कुल 30% हिस्सेदारी है। बीपीसीएल की सहायक कंपनी बीपीआरएल वेंचर्स मोजाम्बिक बीवी की इसमें 10% हिस्सेदारी है।
इसके अलावा कंपनी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में एक ग्रीनफील्ड रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की घोषणा की है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए एक डिटेल्ड फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर काम कर रही है, और उम्मीद है, कि अंतिम निवेश निर्णय दिसंबर 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा। कंपनी ने कहा कि एफआईडी लेने के बाद रिफाइनरी 48 महीनों में पूरी हो जाएगी। प्रस्तावित रिफाइनरी की क्षमता 9 मिलियन टन से 12 मिलियन टन के बीच होने की उम्मीद है।
कर्रेंट फाइनेंसियल ईयर 2025-26 के लिए कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये की कैपेक्स प्लान बनाई है, जिसमें से 17,200 करोड़ रुपये डायरेक्ट निवेश के रूप में होंगे, जबकि शेष जॉइंट वेंचर्स के माध्यम से इक्विटी निवेश के रूप में होंगे।
2026-27 के लिए कंपनी ने 25,000 करोड़ रुपये कैपेक्स के रूप में निर्धारित किए हैं, जबकि 2027-28 में 30,000 करोड़ रुपये कैपेक्स के रूप में निर्धारित किए हैं। कंपनी ने कहा "ये सभी प्रमुख कैपेक्स सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन बिज़नेस, पेट्रोकेमिकल्स और मोजाम्बिक और ब्राजील में विस्तार के लिए किए जाएंगे।"
डेटेड ब्रेंट की तुलना में 3 डॉलर प्रति बैरल डिस्काउंट पर मिलने वाले रूसी क्रूड आयल की उपलब्धता पर बोलते हुए कंपनी ने कहा कि सीरिया और तुर्की सहित देशों द्वारा अधिक रूसी तेल खरीदने के कारण डिस्काउंट वाले क्रूड आयल के लिए कम्पटीशन बढ़ गई है।
FY25 की अंतिम तिमाही में बीपीसीएल के इम्पोर्ट में रूसी आयल की हिस्सेदारी घटकर 24% रह गई, जो FY25 की तीसरी तिमाही में 34% थी। हालांकि कंपनी को उम्मीद है, कि चालू तिमाही में रूसी क्रूड आयल की आपूर्ति में 30-32% तक सुधार होगा।
कंपनी ने कहा "FY25 की चौथी तिमाही में हम नए प्रतिबंधों के कारण रूसी क्रूड आयल की अपनी पूरी कार्गो आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सके। FY26 की पहली तिमाही में यह संख्या बढ़ गई है।"
कंपनी ने फाइनेंसियल ईयर 2024-25 की अंतिम तिमाही के लिए अपने समेकित नेट प्रॉफिट में 8% की गिरावट दर्ज की, जो पिछले फाइनेंसियल ईयर की समान पीरियड में 4,789.57 करोड़ रुपये से घटकर 4,391.83 करोड़ रुपये रह गया, जिसका कारण कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन है। प्रॉफिट में गिरावट का कारण कमजोर सकल रिफाइनिंग मार्जिन और एलपीजी की सेल पर हुई अंडर रिकवरी को माना जा सकता है। हालांकि क्रमिक आधार पर नेट प्रॉफिट Q3FY25 में 3,805.94 करोड़ रुपये से 15.4% बढ़ा।