भारत पे और फोन पे का ट्रेडमार्क विवाद सुलझा!

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भारत पे और फोन पे का ट्रेडमार्क विवाद सुलझा!
27 May 2024
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News Synopsis

भारतपे और फोनपे ने विरोध वापस लेते हुए और अदालती दायित्वों का पालन करते हुए 'पे' प्रत्यय पर अपनी पांच साल की कानूनी लड़ाई का निपटारा कर लिया है। दोनों कंपनियों के नेताओं ने उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव के बारे में आशावाद व्यक्त किया।

इस विवाद में कई अदालतें शामिल थीं और तकनीकी क्षेत्र में व्यापक ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुद्दों पर प्रकाश डाला गया था। यह समझौता दोनों कंपनियों को फिनटेक क्षेत्र में नवाचार और विकास पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाता है।

महत्वपूर्ण जानकारी:

  • भारत पे और फोन पे ने अपने ब्रांड नामों में इस्तेमाल होने वाले 'पे' शब्द को लेकर चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है।

  • यह विवाद पांच साल तक कई अदालतों में चला।

  • अब दोनों कंपनियां अपने-अपने ट्रेडमार्क को रजिस्टर कराने के लिए स्वतंत्र हैं।

भारत पे और फोन पे विवाद का अंत End of Bharat Pay and PhonePe controversy:

दोनों कंपनियों ने परिपक्वता और व्यावसायिकता का परिचय देते हुए इस विवाद को सुलझा लिया है। इससे फिनटेक उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

  • दोनों कंपनियों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में एक-दूसरे के विरोध को वापस ले लिया है।

  • दिल्ली हाई कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष समझौते की शर्तों का पालन किया जाएगा।

नेतृत्वकर्ताओं के बयान Statements from the leaders:

  • भारत पे के चेयरमैन रजनीश कुमार Bharat Pay Chairman Rajneesh Kumar ने दोनों प्रबंधन टीमों की परिपक्वता और व्यावसायिकता की सराहना की है। उनका मानना है कि इससे फिनटेक उद्योग को फायदा होगा।

  • फोन पे के संस्थापक और सीईओ समीर निगम इस स amicable (सामंजस्यपूर्ण) समाधान से खुश हैं। उनका कहना है कि इससे दोनों कंपनियों और भारतीय फिनटेक उद्योग को लाभ होगा।

भारत पे और फोन पे विवाद की पृष्ठभूमि: Background of Bharat Pay and PhonePe controversy:

  • 2018: फोन पे ने देवनागरी लिपि में 'पे' शब्द के इस्तेमाल पर भारत पे को कानूनी नोटिस भेजा था।

  • 2019: फोन पे ने दिल्ली हाई कोर्ट में भारत पे द्वारा 'पे' शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग की थी। उनका दावा था कि इस शब्द ने विशिष्ट पहचान बना ली है।

  • 2021: फोन पे ने भारत पे के "पोस्टपे" ट्रेडमार्क और उसके विभिन्न रूपों के खिलाफ मुकदमा दायर किया।

  • 2022: बॉम्बे हाई कोर्ट ने फोन पे की अंतरिम रोक की याचिका खारिज कर दी और भारत पे के पक्ष में फैसला सुनाया।

उद्योग जगत पर प्रभाव:

  • यह विवाद टेक स्टार्टअप्स और बड़े निगमों के बीच ट्रेडमार्क मामलों के बढ़ते चलन का हिस्सा है।

  • यह समाधान फिनटेक कंपनियों को भविष्य में ट्रेडमार्क विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने की एक मिसाल कायम करता है। इससे उद्योग के विकास के लिए सहयोगात्मक वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष:

अब भारत पे और फोन पे अपने डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और फिनटेक उद्योग में योगदान देने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।