अहमदाबाद बना स्मार्ट सिटी, ऐसे दी 'गर्मी' को मात

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भारत का प्रमुख शहर अहमदाबाद Ahmedabad 12 साल पहले भीषण लू का शिकार बना था। उस दौरान वहां अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था और लगभग 800 लोगों की जान चली गई थी। बता दें कि अहमदाबाद हमेशा से गर्मी का सामना करता आया है, लेकिन जलवायु परिवर्तन Climate Change और धीमी गति से आगे बढ़ रहे चक्रवात के दौरान 2010 में उसे भीषण लू का प्रकोप झेलना पड़ा था। इसके बाद अहमदाबाद नगर निगम Ahmedabad Municipal Corporation ने गर्मी से निपटने के लिए भारत की पहली कार्य योजना तैयार करने के वास्ते भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान-गांधीनगर और प्राकृतिक संसाधन रक्षा परिषद Indian Institute of Public Health-Gandhinagar and Natural Resources Defense Council से हाथ मिलाया, जिसके बाद सामुदायिक पहुंच और विशेष निर्माण पद्धति के जरिये हजारों जिंदगियां बचाने में मदद मिली है।
आपको बता दें कि ‘कूल रूफ’ 'Cool Roof' गर्मी से निपटने की कार्य योजना का एक प्रमुख घटक है। यह एक विशेष परत या सामग्री होती है, जो सूर्य की रोशनी को परावर्तित करती है, जिससे छतें गर्म नहीं होतीं। इलाके के हिसाब से ‘कूल रूफ’ पारंपरिक छतों (आमतौर पर टिन या एसबेस्टस की चादर से निर्मित छतें) के मुकाबले भवन के अंदर के तापमान को दो से पांच डिग्री सेल्सियम तक कम रखने में सक्षम हैं। इस टेक्नोलॉजी से अहमदाबाद ने एक तरह से गर्मी को मात दे दी है।
इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी ‘कूल रूफ’ स्थापित करने का चलन जोर पकड़ रहा है। 2020 में महिला हाउसिंग ट्रस्ट Mahila Housing Trust ने एनआरडीसी के साथ मिलकर जोधपुर, भोपाल, सूरत और अहमदाबाद Jodhpur, Bhopal, Surat and Ahmedabad की 460 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियों की छत पर ‘सोलर रिफ्लेक्टिव पेंट’ से पोताई की थी। दोनों संस्थाओं ने 13,587 परिवारों और 67,935 लोगों को ‘सोलर रिफ्लेक्टिव पेंट’ Solar Reflective Paint' की खूबियों से वाकिफ भी कराया था।