दुनिया में आज कल इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर चल रहा है। प्रत्येक ऑटो कंपनियां auto-companies अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बाज़ार में उतार रही हैं। इसे प्रदूषण नियंत्रण करने के एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। भारत में भी लगभग प्रत्येक कंपनियों ने चार पहिया वाहनों से लेकर दो पहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन का रूप दे चुकी हैं। इससे हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि पेट्रोल डीजल से चलने वाली गाड़ियों में धीरे-धीरे में कमी होती रहेगी। भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग ने यह बयान दिया है कि हाइड्रोजन गैस वाहनों, इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे गाड़ियों को निरंतर बढ़ावा दिया जायेगा परन्तु इसे अनिवार्य नहीं किया जायेगा। पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा।