Eternal (पहले Zomato) की क्विक कॉमर्स कंपनी Blinkit के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर विपिन कपूरिया ने पद संभालने के लगभग एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक विपिन कपूरिया, जो सितंबर-अक्टूबर 2024 के आसपास Blinkit में शामिल हुए थे, अपने पुराने एम्प्लॉयर ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart में वापस जा रहे हैं। वह अगस्त 2020 से अक्टूबर 2024 के बीच वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली कंपनी Flipkart में अपने दूसरे कार्यकाल में थे।
दरअसल यह Flipkart में विपिन कपूरिया का तीसरा कार्यकाल होगा।
2020 और 2024 के बीच के समय के अलावा विपिन कपूरिया ने 2015 और 2018 के बीच तीन साल तक ई-कॉमर्स कंपनी के साथ काम किया था। कुल मिलाकर विपिन कपूरिया ने Flipkart में सात साल से ज़्यादा समय बिताया है, और अब 2026 में अपने प्लान किए गए IPO से ठीक पहले कंपनी में वापस जा रहे हैं।
Blinkit ने लंबे ब्रेक के बाद विपिन कपूरिया को अपना CFO नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति के साथ ही Blinkit में पहली बार कोई फुल-टाइम CFO आया था, क्योंकि अमित सचदेवा, जिन्होंने 2019 से 2022 के बीच कंपनी में CFO और फाइनेंस हेड के तौर पर काम किया था, कंपनी छोड़ चुके थे।
विपिन कपूरिया को फुल-टाइम CFO बनाने का यह कदम Zomato के यह कहने के कुछ ही महीनों बाद आया था, कि Blinkit कंपनी का सबसे महत्वपूर्ण बिजनेस डिवीजन है, और Zomato (अब Eternal) द्वारा अपने QIP के ज़रिए 8,500 करोड़ रुपये (1 बिलियन डॉलर) जुटाने के कुछ ही हफ़्तों बाद आया था।
यह अभी साफ नहीं है, कि ब्लिंकिट विपिन कपूरिया की जगह किसे नियुक्त करेगा।
यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब क्विक कॉमर्स सेक्टर में कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है। मार्केट लीडर ब्लिंकिट, टाटा के बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और अमेज़न नाउ के अलावा स्विगी के इंस्टामार्ट और ज़ेप्टो के साथ कड़ी टक्कर दे रहा है।
टॉप तीन खिलाड़ी ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट और ज़ेप्टो जल्द ही पब्लिक मार्केट में मुकाबला करेंगे।
ज़ेप्टो के IPO का मतलब यह भी होगा कि टॉप तीन क्विक कॉमर्स स्टार्टअप सभी पब्लिक मार्केट में मुकाबला करेंगे, जो एक ऐसे इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, जो सिर्फ 5-6 साल पहले मौजूद नहीं थी।
क्विक कॉमर्स, जो एक अच्छा ऑप्शन होने से लेकर ज़रूरी सर्विस बन गया है, उसने ब्लिंकिट, स्विगी और ज़ेप्टो के बीच कड़ी टक्कर देखी है। टाटा के बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट मिनट्स, अमेज़न नाउ जैसे दूसरे खिलाड़ी भी कॉम्पिटिशन को बढ़ा रहे हैं।
टॉप तीन खिलाड़ियों, ब्लिंकिट की पेरेंट कंपनी इटरनल, स्विगी और ज़ेप्टो ने मिलकर पिछले नौ से 11 महीनों में लगभग 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
फिर भी ये तीनों कंपनियाँ अभी भी भारी मात्रा में कैश पर बैठी हैं, जिसका श्रेय लिस्टिंग के तुरंत बाद इटरनल और स्विगी द्वारा $1 बिलियन से ज़्यादा के दो क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) को जाता है।
इन तीनों कंपनियों ने मुख्य रूप से अपने क्विक कॉमर्स बिज़नेस को बढ़ाने के लिए नया पैसा जुटाया है, और वे मिलकर 40,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा कैश और कैश इक्विवैलेंट पर बैठी हैं, जो बताता है, कि उन सभी के पास प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर मार्केट का बड़ा हिस्सा हथियाने के लिए एक बड़ा फंड तैयार है।