वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने हाल ही में कंपनी के चौथी तिमाही और FY25 के फाइनेंसियल नतीजों के बाद निवेशकों को संबोधित किया। उन्होंने AGR मुद्दे के बारे में सरकार के साथ चल रही चर्चाओं की पुष्टि की, और इस बात पर जोर दिया कि सरकारी सहायता को रोकने वाली कोई बाधा नहीं है। अक्षय मूंदड़ा ने टेलीकॉम सेक्टर के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें ARPU कम होना और डेटा कंजप्शन को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए रिवाइज्ड प्राइसिंग फ्रेमवर्क की आवश्यकता शामिल है।
अक्षय मूंदड़ा Akshaya Moondra ने AGR मामले पर सरकार के साथ बातचीत करने की वोडाफोन आइडिया की कमिटमेंट दोहराई। उन्होंने कहा "जहां तक सरकारी राहत का सवाल है, मुझे लगता है, कि हम सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं... सरकार क्या करेगी, मैं उनकी ओर से टिप्पणी नहीं कर सकता।" यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा AGR रिलीफ के लिए वोडाफोन आइडिया की याचिका को खारिज किए जाने के मद्देनजर आया है। कंपनी लगभग 30,000 करोड़ रुपये के बकाये की छूट की मांग कर रही है, जो इसकी फाइनेंसियल सस्टेनेबिलिटी के लिए महत्वपूर्ण है। अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि कंपनी ने Department of Telecommunications को सूचित किया है, कि FY26 से आगे उसका ऑपरेशन सरकारी हस्तक्षेप के बिना अस्थिर होगा।
अक्षय मूंदड़ा ने इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री के भीतर महत्वपूर्ण चुनौतियों की ओर इशारा किया, विशेष रूप से कम ARPU, जो ग्लोबल स्तर पर सबसे कम बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री का रिटर्न वर्तमान में कैपिटल की लागत से कम है, जो रिवाइज्ड प्राइसिंग फ्रेमवर्क की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। अक्षय मूंदड़ा ने सुझाव दिया कि मौजूदा प्राइसिंग मॉडल से हटकर, हाई डेटा कंजप्शन पर आनुपातिक रूप से हाई रेट से चार्ज लिया जाना चाहिए। उन्होंने 2021 के टेलीकॉम सुधारों और सर्वोच्च न्यायालय के इस रुख का भी संदर्भ दिया कि पॉलिसी डिसिशन सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं, यह सुझाव देते हुए कि यह मिसाल सरकार को इस क्षेत्र के लिए आवश्यक राहत उपायों को लागू करने की अनुमति देती है।
Vodafone Idea ने मार्च तिमाही के लिए 7,166.1 करोड़ रुपये का नेट लॉस कम होने की सूचना दी, जबकि रेवेनुए में ईयर-ऑन-ईयर 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 11,013.5 करोड़ रुपये हो गया। पूरे फाइनेंसियल ईयर के लिए लॉस घटकर 27,383.4 करोड़ रुपये रह गया, जो FY24 में 31,238.4 करोड़ रुपये था। अपनी फाइनेंसियल स्थिति को मजबूत करने के लिए कंपनी के बोर्ड ने रेगुलेटरी और शेयरहोल्डर अप्रूवल पेंडिंग 20,000 करोड़ रुपये तक की धन उगाहने की योजना को मंजूरी दी है। कैपिटल निवेश विभिन्न तरीकों से जुटाया जा सकता है, जिसमें पब्लिक ऑफर या प्राइवेट प्लेसमेंट शामिल है।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में 6.47 लाख मोबाइल यूजर्स खोने के बाद वोडाफोन आइडिया सब्सक्राइबर बेस में गिरावट से जूझ रहा है, जिससे इसके कुल सब्सक्राइबर 20.47 करोड़ हो गए हैं। यह गिरावट एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कंपनी अपने ऑपरेशन को स्थिर करना और भविष्य के लिए फंडिंग सुरक्षित करना चाहती है। वोडाफोन आइडिया में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के बारे में अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि सरकार का बोर्ड में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। यह स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि कंपनी अपनी फाइनेंसियल चुनौतियों से निपट रही है, और भविष्य के फंडिंग सलूशन के लिए बैंकों से जुड़ना चाहती है।