उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत के बढ़ते डिफेन्स एक्सपोर्ट सेक्टर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25,000 करोड़ के 150 से अधिक डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग डील हासिल की हैं। Ministry of Defence के अनुसार भारत का एनुअल डिफेन्स प्रोडक्शन 2023-24 में लगभग 1.27 ट्रिलियन के रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 1.09 ट्रिलियन से 16.7% अधिक है।
ये डिफेन्स प्रोजेक्ट्स एक्सपेंसिव UP Defence Industrial Corridor में विकसित की जा रही हैं, जो छह नोड्स में फैला है: लखनऊ, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट और आगरा। यूपी सरकार के अनुसार इन पहलों से 40,000 नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
"हमने विभिन्न कंपनियों के साथ 154 समझौता किया हैं, और करीब 85 और डील अभी वैल्यूएशन के अधीन हैं।"
कॉरिडोर के लिए नोडल एजेंसी UP Expressway Industrial Development Authority इंडस्ट्रियल एलोकेशन के लिए बड़ी मात्रा में भूमि अधिग्रहण कर रहा है। यूपीईआईडीए ने पहले ही 1,700 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया है, जिसमें 40 से अधिक कंपनियों को भूमि आवंटन प्राप्त हुआ है।
"ये 42 कंपनियां अपनी-अपनी प्रोजेक्ट्स में लगभग 8,000 करोड़ का निवेश करेंगी, जिससे डिफेन्स प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता और डिफेन्स एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की भारत की कोशिश में यूपी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित होगा।"
UPEIDA ने अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, एंकोर रिसर्च लैब्स, टाटा टेक्नोलॉजीज, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, डेल्टा कॉम्बैट सिस्टम्स, स्पाइसजेट टेक्निक, वेरिविजन, एचएएल, ग्लाइडर्स इंडिया, डीआरडीओ और एरोलॉय टेक्नोलॉजीज जैसी उल्लेखनीय फर्मों के साथ समझौता किया।
डिफेंस मिनिस्ट्री के अनुसार भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 2022-23 में 15,920 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 21,083 करोड़ हो गया है। यूपी अपने विशाल एमएसएमई आधार का लाभ उठाकर ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा दे रहा है, और अपनी इंडस्ट्रियल वैल्यू चैन को आगे बढ़ाकर बढ़ते डिफेंस एक्सपोर्ट मार्केट की जरूरतों को पूरा कर रहा है।
इसके अलावा अमेठी के कोरवा कारखाने में असेंबल की गई 35,000 कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफलें इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सेना को दी गई हैं। दस वर्षों में लगभग 600,000 AK-203 राइफलों के प्रोडक्शन की योजना बनाई गई है।
हालांकि अमेठी यूपी डिफेंस कॉरिडोर का हिस्सा नहीं है, लेकिन कोरवा इकाई ने भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में राज्य की भूमिका को मजबूत किया है। भारतीय रक्षा बलों के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों के निर्माण के लिए लखनऊ में 80 हेक्टेयर में फैला एक और भारत-रूस संयुक्त उद्यम प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ब्रह्मोस भारतीय सेना के लिए अगली पीढ़ी की सुपरसोनिक मिसाइलों को विकसित करने के लिए भारत के DRDO और रूस के NPOM के बीच एक संयुक्त उद्यम है।