कहते हैं संगीत की न कोई भाषा होती है, न कोई सीमा और न ही कोई बाधा होती है। उसे सुनने वाला संगीत के रास में इतना भावविभोर हो जाता है कि, अन्य भाषा का ज्ञान न होने के बावजूद वह उसे सुनता है और भाव का रसपान करता है। इस बात का प्रमाण देते हुए हालही में श्रीलंका की एक गायिका के द्वारा गाया गया एक सुन्दर गीत जिसका नाम ‘मानिके मागे हिते’ है, उसने पूरी दुनिया में अपनी लोकप्रियता हासिल की और अब दुनिया भर के लोग इस संगीत को अपनी अपनी भाषा में गा रहे हैं और अब इस गाने का हिंदी, तमिल वर्जन के बाद अब तिब्बती वर्जन सुनने में आया है, जिसने लोकप्रियता हासिल की है।