यह ग्‍लेशियर बना वैज्ञानिकों की टेंशन, 2031 में हो सकती है ‘आपदा’ की शुरुआत!

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09 Sep 2022
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News Synopsis

ग्लेशियर Glacier का पिघलना दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर Thwaites glacier जिसे डूम्ज़्डे ग्‍लेशियर Doomsday glacier के नाम से भी जाना जाता है, अंटार्कटिका Antarctica के प्रमुख ग्‍लेशियरों में से एक है। जब दुनियाभर में जलवायु पर‍िवर्तन climate change का असर दिखाई दे रहा है, तो इस ग्‍लेशियर की स्थिति क्‍या है? वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं और जो जानकारी उन्‍हें मिली है, उसने चिंता बढ़ा दी है। थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर के आकार को आप ऐसे समझ सकते हैं कि यह अमेरिका के फ्लोरिडा राज्‍य के बराबर है। अनुमान है कि इसके पिघलने से समुद्र का जलस्‍तर दो फीट तक बढ़ जाएगा जो तबाही लेकर आएगा।

वैज्ञानिक यह जानते हैं कि थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर भी प‍िघल रहा है और हर साल करीब 50 अरब टन बर्फ को पानी में बदल रहा है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण british antarctic survey का कहना है कि यह ग्लेशियर दुनिया के समुद्र में होने वाली बढ़ोतरी के 4 फीसदी के लिए जिम्मेदार है। कई और स्‍टडीज में भी नई जानकारियां सामने आई हैं। फर्स्‍टपोस्‍ट के की मानें तो, CNN की रिपोर्ट में नेचर जियोसाइंस जर्नल nature geoscience journal में सोमवार को पब्लिश हुई एक स्‍टडी का हवाला दिया गया है।

लिखा गया है कि थ्‍वेट्स ग्‍लेशियर का बेस खत्‍म हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, पहली बार रिसर्चर्स ने इस ग्लेशियर के नीचे समुद्र तल का नक्शा बनाने के लिए ड्रोन का इस्‍तेमाल किया। वैज्ञानिकों scientists ने जो खोज की, उसने उन्हें स्तब्ध कर दिया। इस ग्लेशियर का बेस पिछली दो शताब्दियों में समुद्र तल से अलग हो गया और हर साल 2.1 किलोमीटर की दर से पीछे हट रहा है।

अनुमान है कि यह ग्‍लेशियर आने वाले समय में अपनी समुद्री रिज से तेजी से पीछे हट सकता है, जो अभी तक इसे कंट्रोल कर रही है। स्‍टडीज से पता चलता है कि इसकी बर्फ की शेल्फ  ice shelf साल 2031 की शुरुआत में समुद्र में गिर सकती है। 

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