महंगे चावल से अगले साल भी नहीं मिलेगी राहत, जानिए वजह

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23 Aug 2022
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News Synopsis

बाजार में धान की नई फसल New Paddy Crop आने के बाद भी चावल की कीमतों Rice Price में कमी के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह इस साल धान की पर्याप्त बुवाई का नहीं हो पाना है। दरअसल पूर्वी उत्तर प्रदेश  Uttar Pradesh, बिहार Bihar, झारखंड और पश्चिम बंगाल Jharkhand and West Bengal में इस साल सूखे जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। इन राज्यों में सूखे की वजह से धान की बुवाई ही नहीं हो पाई है। मतलब ये है कि अगले साल भी चावल के दाम चढ़े रहेंगे। अगर धान बुआई की बात की जाए तो अगस्त बीतने को है, लेकिन धान की बुवाई पिछले साल जितनी भी नहीं हो पाई है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय Union Agriculture Ministry के आंकड़ों के मुताबिक देश में चालू खरीफ मौसम में धान की बुवाई जोर पकड़ नहीं रही है। बीते 18 अगस्त तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो धान का रकबा 8.25 फीसदी घट गया है। मंत्रालय के मुताबिक उस दिन तक देश भर में धान की बुवाई 343.70 लाख हैक्टेअर में ही हुई थी जो कि पिछले साल के 374.63 लाख हैक्टेअर के मुकाबले 8.25 फीसदी कम है। इस साल देश के सभी राज्यों में बारिश एक जैसी नहीं हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में बारिश इतनी कम हुई है कि सूखे जैसे हालात हैं।

इसके अलावा ओडिशा Odisha, छत्तीसगढ़ Chhattisgarh, मध्य प्रदेश Madhya Pradesh, तेलंगाना Telangana आदि राज्यों में भी भरपूर बारिश Plenty of rain नहीं हुई है। ये राज्य धान उगाने के लिए मशहूर हैं। बिहार के कई जिलों में तो बारिश इतना कम हुआ कि धान रोपने के लिए तैयार बिचड़ा या मोरी ही जल गया। वहीं देश में चावल का निर्यात Export of Rice बढ़ते ही घरेलू बाजार में इसकी कीमतें चढ़ गई हैं। 

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