गेहूं की खरीद से घटा सरकारी खजाने का बोझ

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06 May 2022
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News Synopsis

चालू रबी मौसम Current Rabi Season के दौरान खुली मंडी में गेहूं  Wheat की हो रही खरीद ने सरकार Government को बड़ा फायदा पहुंचाया है। फसल का लाभकारी मूल्य Remunerative Price मिलने से जहां किसानों की आमदनी बढ़ी तो वहीं दूसरी तरफ खाद्य सब्सिडी Food Subsidy घटने से सरकारी खजाने Exchequer का भार कम हो गया।

इसके साथ ही साथ जो ज्यादा अन्न सालों साल के लिए बोझ बन जाता था, वही चालू सीजन में निर्यात के रास्ते विदेशी मुद्रा Foreign Exchange में तब्दील होने लगा है। गेहूं की सरकारी खरीद घटने के बावजूद गोदामों में न सिर्फ पर्याप्त खाद्यान्न है बल्कि अगले वर्ष के लिए साढ़े चार करोड़ टन से भी अधिक स्टाक शेष बचेगा। सरकारी नीतियों Government Policies और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों International Conditions ने खाद्यान्न प्रबंधन और कृषि उत्पादों के कारोबार को नया मौका दिया है।

आपको बता दें कि सरकारी खरीद का जो लक्ष्य 4.44 करोड़ टन था वह घटकर 1.95 करोड़ टन हो गया है। इससे सब्सिडी में लगभग 60 हजार करोड़ की बचत होगी। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के दौरान 40 लाख टन गेहूं निर्यात Wheat Exports का अनुमान है। इसके साथ ही घरेलू बाजार में मांग बढ़ने से किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिला है। अगर एफसीआइ FCI के आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो  प्रति क्विंटल गेहूं पर कुल 340 रुपये का अतिरिक्त खर्च आता है। 

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