Tata Consultancy Services भारत में सबसे बड़ी टेक नियुक्तियाँ करने वाली कंपनी है। जून 2025 की तिमाही में टाटा ग्रुप समर्थित इस आईटी कंपनी ने अपने कुल कर्मचारियों की संख्या में 6,071 कर्मचारियों को जोड़ा, जबकि इसकी छंटनी रेट 13.8% रही। हालाँकि आगे चलकर TCS ने अभी तक वेतन वृद्धि पर कोई निर्णय नहीं लिया है, और अनिश्चित आर्थिक परिस्थितियों के कारण इसकी नियुक्ति योजना चुनौतीपूर्ण होने की संभावना है।
FY26 की पहली तिमाही में कंपनी ने YoY आधार पर 6,071 कर्मचारियों को जोड़ा, जिससे जून 2025 तिमाही तक इसके कुल कर्मचारियों की संख्या 613,069 हो गई। हालाँकि समीक्षाधीन तिमाही में TCS का शुद्ध योग 5,090 कर्मचारियों का है, जबकि मार्च 2025 तिमाही में कर्मचारियों की संख्या 607,979 थी।
ऐसा कहा जा रहा है, कि जून 2025 तिमाही तक टीसीएस की नौकरी छोड़ने की दर मामूली रूप से बढ़कर 13.8% हो गई, जबकि मार्च 2025 तिमाही तक यह रेट 13.3% थी।
इसमें कहा गया है, कि सहयोगियों ने उभरती हुई टेक्नोलॉजीज में 1.5 करोड़ घंटे निवेश किए और 13 लाख दक्षताएँ हासिल कीं, जिससे वे हमारे कस्टमर्स के लिए परिवर्तन की यात्रा का नेतृत्व कर सके।
चीफ HR ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ Milind Lakkad ने कहा "Talent Development टीसीएस का कोर है। इस तिमाही में हमारे सहयोगियों ने उभरती हुई टेक्नोलॉजीज में एक्सपेर्टीज़ हासिल करने में 1.5 करोड़ घंटे निवेश किए, जिससे वे हमारे कस्टमर्स के लिए परिवर्तन की यात्रा का नेतृत्व कर सके। यह जानकर खुशी हो रही है, कि टीसीएस में अब हाई-आर्डर एआई स्किल वाले 1,14,000 लोग हैं।"
मिलिंद लक्कड़ ने कहा "नियुक्ति को तिमाही वृद्धि से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। नियुक्ति की योजना हर साल बनाई जाती है।" उनका यह बयान तब आया है, जब उनसे FY26 के लिए 42,000 नए कर्मचारियों की नियुक्ति पर टीसीएस के अपने रुख का पुनर्मूल्यांकन करने के बारे में पूछा गया था।
हालाँकि मिलिंद लक्कड़ ने बताया कि टीसीएस ने शुरुआत में आक्रामक तरीके से भर्तियाँ कीं, जिसके परिणामस्वरूप कुछ बिज़नेस चुनौतियाँ आईं। उन्होंने बताया कि इससे असंतुलन पैदा हुआ है, लेकिन "हमें इसकी ज़्यादा चिंता नहीं है, क्योंकि हम आगे चलकर इसका फ़ायदा उठाएँगे।"
इसके अलावा सीईओ के. कृतिवासन ने कहा कि टाटा टेक दिग्गज को काफ़ी दबी हुई माँग देखने को मिल रही है, लेकिन अनिश्चित व्यापक आर्थिक परिस्थितियों के कारण कंपनी ने इसे रोक दिया है।
टीसीएस ने अपनी वेतन वृद्धि योजना पर कोई स्पष्टता नहीं दी है। मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि टीसीएस ने अभी तक वेतन वृद्धि पर कोई फ़ैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि टीसीएस जल्द ही वेतन रिवीजन के बारे में सभी को सूचित करेगी।
मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि टीसीएस के आगे के बिज़नेस के आधार पर वेतन में रिवीजन कभी भी हो सकता है।
इससे पहले मई में टीसीएस ने गुडरिटर्न्स को बताया था, "हमने कंपनी के 70% से ज़्यादा कर्मचारियों को 100% QVA (Quarterly Variable Allowance) का पेमेंट किया है। अन्य सभी ग्रेडों के लिए QVA उनकी यूनिट के बिज़नेस परफॉरमेंस पर निर्भर करता है। यह सभी तिमाहियों में हमारी स्टैंडर्ड प्रैक्टिस के अनुरूप है।" यह FY24-25 के लिए था।
कुल मिलाकर टीसीएस ने FY26 की पहली तिमाही में 5.98% वार्षिक और 4.4% QoQ वृद्धि दर्ज करते हुए 12,760 करोड़ रुपये का समेकित नेट प्रॉफिट अर्जित किया। कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन QoQ आधार पर 30 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 24.5% हो गया।
हालांकि भारत की सबसे बड़ी टेक कंपनी टीसीएस का रेवेनुए के मामले में परफॉरमेंस मिला-जुला रहा। टीसीएस का समेकित रेवेनुए 63,437 करोड़ रुपये रहा, जो QoQ 1.6% कम लेकिन YoY 1.3% बढ़ा। कांस्टेंट करेंसी में रेवेनुए में YoY 3.1% की गिरावट आई।
टीसीएस मैनेजमेंट ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि रेवेनुए में वृद्धि कब होगी। वे एआई और डेटा की मांग को लेकर आशावादी हैं।