फ़ूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी Swiggy ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए अपने नेट लॉस में ईयर-ऑन-ईयर 94.8% की तीव्र वृद्धि दर्ज की, जो 1,081.18 करोड़ रुपये हो गई, जो ब्लूमबर्ग के 778 करोड़ रुपये के अनुमान से काफी अधिक है। घाटे में यह भारी वृद्धि मुख्य रूप से इसके क्विक कॉमर्स शाखा इंस्टामार्ट में भारी निवेश के कारण हुई, क्योंकि कंपनी ने अपने डार्क स्टोर नेटवर्क का आक्रामक रूप से विस्तार किया।
घाटे में यह वृद्धि ऑपरेशन से रेवेनुए में 44.8% की वृद्धि के बावजूद हुई, जो 4,178 करोड़ रुपये के अनुमान को पीछे छोड़ते हुए 4,410.01 करोड़ रुपये रही। हालांकि एक्सपेंसेस और भी तेजी से बढ़े, जो ईयर-ऑन-ईयर 52.9% बढ़कर 5,609.6 करोड़ रुपये हो गए, जिससे टॉपलाइन परफॉरमेंस से कोई बेनिफिट नहीं हुआ।
तिमाही के दौरान कुल इनकम 44.1% बढ़कर 4,530.7 करोड़ रुपये हो गई। एबिटा लॉस 962 करोड़ रुपये रहा, जो ब्लूमबर्ग के 733 करोड़ रुपये के घाटे के अनुमान से कहीं ज़्यादा है।
इस बीच Swiggy के सबसे करीबी कॉम्पिटिटर Zomato ने मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट में 78% की गिरावट दर्ज की, जो 39 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसका रेवेनुए 64% बढ़कर 5,833 करोड़ रुपये हो गया।
स्विगी का सबसे बड़ा ऑपरेशनल दांव इंस्टामार्ट पर था, जिसने तिमाही के दौरान 316 नए डार्क स्टोर खोले, जो पिछली आठ तिमाहियों में कुल मिलाकर लॉन्च किए गए स्टोरों से भी अधिक था।
मार्च के अंत तक प्लेटफ़ॉर्म ने 1,021 ऐसे स्टोर ऑपरेट किए। कंपनी ने अपने बड़े-फ़ॉर्मेट वाले स्टोर, जिन्हें मेगापोड्स के नाम से जाना जाता है, और बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिनमें से 44 पिछले साल खोले गए थे। अब ये इंस्टामार्ट के कुल डार्क स्टोर क्षेत्र का लगभग 10% हिस्सा हैं, जो चार मिलियन वर्ग फीट तक फैल गया है।
इंस्टामार्ट का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू ईयर-ऑन-ईयर दोगुना होकर 4,670 करोड़ रुपये हो गया, जो 101% की वृद्धि दर्शाता है। एवरेज ऑर्डर वैल्यू 13.3% बढ़कर 527 रुपये हो गया, लेकिन यह अभी भी ब्लिंकिट के 665 रुपये के AOV से पीछे है। चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर राहुल बोथरा ने कहा कि स्विगी को अपकमिंग तिमाहियों में AOV में “high-teen” ग्रोथ की उम्मीद है।
हालांकि स्टोर खोलने में उछाल ने मार्जिन पर भारी असर डाला। तिमाही के दौरान इंस्टामार्ट का योगदान मार्जिन -5.6% तक गिर गया, जो पिछली तिमाही में -4.6% था। राहुल बोथरा ने बढ़ते कॉम्पिटिटिव दबाव के बीच नए स्टोरों के कम उपयोग और कस्टमर को दिए जाने वाले इंसेंटिव को गिरावट का कारण बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी को उम्मीद है, कि क्विक कॉमर्स बिज़नेस तीन से पांच तिमाहियों में योगदान ब्रेकईवन तक पहुंच जाएगा, क्योंकि अधिकांश स्टोर ऑपरेशनल रूप से परिपक्व हो गए हैं।
कंपनी अब स्टोर विस्तार को धीमा करने की योजना बना रही है, और ऑर्डर वैल्यू बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, खास तौर पर टियर-2 शहरों में। टियर-1 शहरों में डेंसिफिकेशन की स्ट्रेटेजी जारी रहेगी, जिसमें डिलीवरी टाइम और कॉस्ट को कम करने के लिए एडिशनल स्टोर लॉन्च किए जाएंगे।
कोर फ़ूड डिलीवरी बिज़नेस में स्विगी ने 7,347 करोड़ रुपये का GOV दर्ज किया, जो ईयर-ऑन-ईयर 17.6% की वृद्धि दर्शाता है। एबिटा मार्जिन 236 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 2.9% हो गया, जिसमें क्रमिक एबिटा वृद्धि 15.4% रही।
को-फाउंडर और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी Sriharsha Majety ने कहा कि इस सेगमेंट में फ्यूचर ग्रोथ कस्टमर इनोवेशन पर निर्भर करेगी। उन्होंने एक प्रमुख उदाहरण के रूप में जनवरी में शुरू की गई स्विगी की हालिया पहल स्नैक का हवाला दिया, जिसमें इन-हाउस किचन से स्नैक्स डिलीवर किए जाते हैं। शुरुआती यूजर आकर्षण आशाजनक रहा है।
कंपनी अपनी 10 मिनट की फ़ूड डिलीवरी सर्विस बोल्ट का भी विस्तार कर रही है, जो पार्टनर रेस्टारेंट से 2 किलोमीटर के दायरे में ऑपरेट होती है। यह अब 500 से ज़्यादा शहरों में एक्टिव है, और फ़ूड डिलीवरी ऑर्डर में 12% से ज़्यादा का योगदान देती है। स्विगी का मानना है, कि डिलीवरी लागत कम होने के कारण बोल्ट की हाई मार्जिन स्ट्रक्चर मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद करेगी। इसके विपरीत कॉम्पिटिटर ज़ोमैटो ने अपनी समान ऑफरिंग क्विक को बंद कर दिया है।
स्विगी ने आउट-ऑफ-होम खपत में भी मजबूत वृद्धि की सूचना दी। तिमाही के दौरान इसके डाइन-इन सेगमेंट के GOV में ईयर-ऑन-ईयर 41.6% की वृद्धि हुई, और यह कैटेगरी 0.3% के एडजस्टेड एबिटा मार्जिन के साथ लाभदायक हो गई। श्रीहर्ष मैजेटी ने कहा कि अधिग्रहण के बाद स्विगी के ऐप में इंटीग्रेटेड डाइनआउट बिज़नेस में उल्लेखनीय बदलाव आया है। पहले यह बहुत घाटे में था, लेकिन अब यह मार्जिन में सकारात्मक योगदान दे रहा है।
आगे देखते हुए स्विगी को उम्मीद है, कि मध्यम अवधि में उसका फ़ूड डिलीवरी बिज़नेस 18-22% बढ़ेगा, भले ही इसका लक्ष्य फ़ूड और क्विक कॉमर्स दोनों डिवीज़न में मार्जिन में सुधार करना है।