फाइनेंसियल ट्रांसक्शन में ग्लोबल स्पेशलिस्ट बेल्जियम स्थित सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस ने एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी में एक एआई-ड्रिवेन पायलट शुरू कर रहा है, ताकि क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट में होने वाली पेमेंट फ्रॉड से निपटने में मदद मिल सके। BNY मेलन, ड्यूश बैंक, DNB, HSBC, इंटेसा सैनपोलो और स्टैंडर्ड बैंक सहित ग्लोबल बैंकों के साथ यह जोड़ी सिक्योर डेटा सहयोग और फ़ेडरेटेड लर्निंग टेक्नोलॉजीज के उपयोग का टेस्ट करेगी।
दोनों पार्टनर्स के अनुसार पायलट से एक सिक्योर इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाने की उम्मीद है, जो फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स को मजबूत प्राइवेसी-प्रेसेर्विंग कंट्रोल्स के साथ प्रासंगिक जानकारी का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि स्विफ्ट का एआई अनोमली डिटेक्शन मॉडल तब इनसाइट्स एकत्र करने और अधिक रिचर डेटासेट से संभावित फ्रॉड पैटर्न की पहचान करने में सक्षम होगा।
एक्सिस बैंक के ट्रेजरी, मार्केट्स और होलसेल बैंकिंग प्रोडक्ट्स के ग्रुप एग्जीक्यूटिव नीरज गंभीर Neeraj Gambhir ने कहा "फ्रॉड कंट्रोल के उद्देश्य से यह पायलट इस बात पर विचार करता है, कि हम अपने पास मौजूद एल्गोरिदम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई टेक्नोलॉजीज को कैसे शामिल कर सकते हैं।" "एक स्थिर नियम-आधारित एल्गोरिदम है, जिसे SWIFT लागू करता है। यह लेटेस्ट पहल उसमें एक और परत जोड़ेगी, AI और मशीन लर्निंग फीचर्स का उपयोग करके इसे और अधिक डायनामिक बनाएगी। हम भारत से चुने गए एकमात्र बैंक हैं, जो यह देखने के लिए चुने गए हैं, कि हम AI, मशीन लर्निंग मॉडल को फ्रॉड का पता लगाने वाले इंजनों में कैसे शामिल कर सकते हैं, जो वर्तमान में SWIFT प्लेटफ़ॉर्म पर चल रहे हैं।"
पायलट ऐतिहासिक ट्रांसक्शन डेटा का ऐनलाइज़ करने और फ्रॉड का संकेत देने वाली अनोमालिएस का पता लगाने के लिए एआई एल्गोरिदम का उपयोग करेगा। वास्तविक समय और डेटा-ड्रिवेन एप्रोच का उद्देश्य SWIFT के नेटवर्क में ब्रॉडर एप्लीकेशन के लिए मॉडल को रिफाइन करना है, ताकि फ्रॉड का पता लगाने की एक्यूरेसी और एफसीएनसी को बढ़ाया जा सके।
नई एआई-इनेबल्ड सिस्टम बेहतर मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे फाइनेंसियल इंस्टीटूशन वास्तविक समय में ट्रांसक्शन को ट्रैक कर सकेंगे और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सकेंगे। ये क्षमताएँ न केवल फ्रॉड वाली गतिविधियों की पहचान करने और उन्हें समझने में सहायता करती हैं, बल्कि उनके ट्रांसक्शन की सेफ्टी और इंटीग्रिटी सुनिश्चित करके कंस्यूमर विश्वास को बढ़ाने में भी योगदान देती हैं।
स्विफ्ट, भारत और दक्षिण एशिया के सीईओ किरण शेट्टी Kiran Shetty ने कहा "फ्रॉड के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए हम एआई टेक्नोलॉजीज सहित इनोवेटिव सलूशन विकसित कर रहे हैं, जो फ्रॉड का पता लगाने में सुधार करते हैं।" "अधिक रिचर और बड़े डेटासेट को देखने की एआई की क्षमता फाइनेंसियल कम्युनिटी को बढ़ते साइबर रिस्क्स की दुनिया में एक कदम आगे ले जाएगी।"
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार बैंकिंग सेक्टर में फ्रॉड के मामले पिछले दो वर्षों में लगभग 300% बढ़ गए हैं, जो 2023-24 में 36,075 मामलों तक पहुँच गए हैं। नैस्डैक-वेराफिन ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइम रिपोर्ट के अनुसार 2023 में ग्लोबल फ्रॉड से 485 बिलियन डॉलर का चौंका देने वाला नुकसान हुआ।
स्विफ्ट संभावित सेंट्रल बैंक डिजिटल कर्रेंसीज़ की क्रॉस-बॉर्डर इंटरऑपरेबिलिटी में योगदान देने की दिशा में भी काम कर रहा है।
किरण शेट्टी ने कहा "ऑर्गेनाइजेशन के प्रयोगों ने प्रदर्शित किया है, कि सीबीडीसी को सिंगल गेटवे के माध्यम से आपस में जोड़ा जा सकता है, जिससे स्विफ्ट नेटवर्क के भीतर सिक्योरिटी, कंप्लायंस, ऑथेंटिकेशन और ट्रैकिंग सुनिश्चित होती है।"
वर्तमान में ऑर्गेनाइजेशन अपने मेंबर्स को लगभग 150 कर्रेंसीज़, 40,000 कोर्रिडोर्स और 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में ट्रांसक्शन की अनुमति देता है।