Startup: दो साल के निचले स्तर पर पहुंची स्टार्टअप की फंडिंग, ये है वजह

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14 Oct 2022
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News Synopsis

वैश्विक अर्थव्यवस्था Global Economy सुस्त होने की वजह से भारतीय स्टार्टअप कंपनियों indian startup companies को मदद नहीं मिल रही है। इस साल की तीसरी तिमाही 3rd quarter में इन कंपनियों ने 205 सौदों से केवल 2.7 अरब डॉलर जुटाए हैं, जो दो साल का निचला स्तर bottom है। पीडब्ल्यूसी pwc की एक रिपोर्ट की मानें तो, जुलाई से सितंबर के दौरान केवल दो ही स्टार्टअप यूनिकॉर्न  startup unicorn बन पाए हैं। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कितने लंबे समय तक यह मंदी का दौर चलेगा। लेकिन यह सीधे दिख रहा है कि निवेशक और संस्थापक दोनों सावधानी बरत रहे हैं।

हर सौदे की औसत फंडिंग Average Funding 4.5 करोड़ डॉलर रही है। वैश्विक स्तर पर जुलाई-सितंबर तिमाही में 20 यूनिकॉर्न बने हैं। इसमें से 45 फीसदी सास सेगमेंट के हैं। जबकि कोई भी कंपनी डेकाकॉर्न decacorn नहीं बन पाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि निवेश के सभी चरणों में गिरावट देखी गई है जिसमें शुरुआती, विकास और देर से सभी शामिल हैं। सामान्य तौर पर शुरुआती चरण के स्टार्टअप  startups अधिक आसानी से पूंजी जुटाने में सक्षम होंगे क्योंकि वे आम तौर पर सार्वजनिक बाजारों public markets में उतार-चढ़ाव से देर से होने वाले सौदों से प्रभावित नहीं होते हैं।

वहीं इन्फोसिस  infosys को दूसरी तिमाही में 6,021 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है जो एक साल पहले समान तिमाही की तुलना में 11 फीसदी अधिक है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि 9,300 करोड़ रुपए के शेयर को वह वापस खरीदेगी। इसी के साथ 6,940 करोड़ रुपए वह लाभांश dividends देने पर खर्च करेगी। इसका राजस्व Revenue 23.4 फीसदी बढ़कर 36,538 करोड़ रुपए रहा है।

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