आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास RBI Governor Shaktikanta Das ने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस की शुरुआत की घोषणा की। यह भारत की क्रेडिट सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में एक कदम है।
यूएलआई का उद्देश्य क्रेडिट अप्रैज़ल प्रोसेस को स्ट्रीमलाइन और ऐक्सेलरेट बनाना है, विशेष रूप से स्माल बोर्रोवर के लिए।
यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस को एक सीमलेस और एफ्फिसिएंट क्रेडिट एनवायरनमेंट बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह एक ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के साथ इंटीग्रेट करता है, जिससे विभिन्न फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल में आसानी से जुड़ सकते हैं।
यह सिस्टम क्रेडिट प्रोसेसिंग को सरल बनाएगा और स्माल बोर्रोवर के लिए समय कम करेगा।
यूएलआई प्लेटफॉर्म आधार ई-केवाईसी, स्टेट गवर्नमेंट लैंड रिकॉर्ड, पैन वेलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर सहित विभिन्न सोर्सेज से डेटा को इंटीग्रेट करेगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को अप्रैल 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया था।
इसी तरह पिछले साल सेंट्रल बैंक ने फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए एक टेक प्लेटफॉर्म का पायलट लॉन्च किया, जिसे अब यूएलआई कहा जाएगा।
अगस्त 2023 में शुरू किए गए पायलट फेज के दौरान प्लेटफ़ॉर्म किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, एमएसएमई लोन, पर्सनल लोन और होम लोन जैसे प्रोडक्ट्स पर केंद्रित था।
इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध डालने के डेटा और हाउस/प्रॉपर्टी सर्च डेटा जैसी सर्विस से भी जोड़ा जाएगा।
Frictionless credit Appraisal: यूएलआई कई सोर्सेज से डेटा को इंटेग्रेटिंग करके क्रेडिट अस्सेस्मेंट्स के लिए आवश्यक समय को कम करेगा।
Data Privacy: सिस्टम सहमति के आधार पर काम करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि डेटा प्राइवेसी बनी रहे।
Simplified Integration: इससे कई टेक्नोलॉजीज को इंटेग्रेटिंग करने की कम्प्लेक्सिटी कम हो जाएगी।
यूएलआई को यथासमय पूरे देश में लांच किया जाएगा।
आरबीआई को उम्मीद है, कि यह जेएएम (जनधन-आधार-मोबाइल) और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) सिस्टम के समान ही परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगा।
यूएलआई जहां उन्नति का वादा करता है, वहीं यह चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है।
पक्षपात और दुरुपयोग को रोकने के लिए नैतिक एआई शासन महत्वपूर्ण है।
फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एआई मॉडल पारदर्शी और व्याख्या योग्य हों।
इसके अतिरिक्त गलत सूचना से सुरक्षा और इंटरनेशनल एआई सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक होगा।
शक्तिकांत दास ने कहा कि Digital Public Infrastructure और एआई का संयोजन डिजिटल इंटेलिजेंस के एक नए युग की शुरुआत करेगा।
फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन को एडवांस्ड टूल्स, बेहतर रिस्क मैनेजमेंट और कम अनुपालन लागत का लाभ मिलेगा।