भारत सरकार ने हाल ही में पेड ऑनलाइन गेम्स पर राष्ट्रव्यापी बैन लगा दिया है। सरकार का कहना है कि ये गेम्स युवाओं में नशे की लत और वित्तीय नुकसान को बढ़ावा दे रहे थे। इस नियम ने फैंटेसी क्रिकेट, रमी और पोकर जैसे लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को बुरी तरह प्रभावित किया है।
मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) Mobile Premier League (MPL), जो भारत की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनियों में से एक है, ने करीब 60% कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। यह लगभग 300 कर्मचारियों को प्रभावित करेगा।
यह छंटनी मार्केटिंग, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग, लीगल और फाइनेंस विभागों में होगी। MPL के सीईओ और सह-संस्थापक साई श्रीनिवास ने कर्मचारियों को भेजे नोट में कहा कि भारत से कंपनी की 50% आय होती थी, जो अब शून्य हो जाएगी।
Dream11, जिसकी वैल्यू $8 बिलियन है, ने पहले ही फैंटेसी क्रिकेट बिज़नेस बंद कर दिया है।
कई रमी और पोकर प्लेटफॉर्म्स ऑफलाइन हो चुके हैं।
हालांकि इंडस्ट्री समूहों का कहना है कि फैंटेसी क्रिकेट और अन्य गेम्स स्किल-आधारित हैं और जुए (गैम्बलिंग) से अलग हैं। लेकिन फिलहाल कंपनियां सरकारी आदेश का पालन कर रही हैं।
2021 में MPL ने $2.3 बिलियन का यूनिकॉर्न दर्जा पाया था।
2024 में भारत से कंपनी की कमाई लगभग $100 मिलियन थी।
अब बैन के कारण यह पूरा राजस्व खत्म हो जाएगा।
कंपनी अब अपनी रणनीति बदलकर अमेरिका, ब्राज़ील और यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर ध्यान दे रही है।
Dream11 ने अपना मुख्य कारोबार रोक दिया है।
A23 नामक गेमिंग कंपनी ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है।
इससे आने वाले समय में नियमों और कानूनों में बदलाव की संभावना बनी हुई है।
भारत में राजस्व खत्म होने के बाद MPL की रणनीति अब होगी:
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों पर ध्यान केंद्रित करना
मुफ्त (Free-to-Play) गेम्स को बढ़ावा देना
संचालन और खर्चों में कटौती करना
मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) भारत का एक लोकप्रिय मोबाइल ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म है। इसे 2018 में लॉन्च किया गया था और यह जल्दी ही भारत के सबसे बड़े स्किल-बेस्ड गेमिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक बन गया। MPL पर यूज़र अलग-अलग गेम्स जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स, कैज़ुअल गेम्स, कार्ड गेम्स, रम्मी, चेस, कैरम, क्रिकेट और अन्य मल्टीप्लेयर गेम्स खेल सकते हैं।
MPL की खासियत यह है कि यह खिलाड़ियों को न सिर्फ़ मनोरंजन देता है बल्कि स्किल और परफॉर्मेंस के आधार पर कैश प्राइज़ जीतने का मौका भी देता है। इसमें टूर्नामेंट्स, 1v1 बैटल्स और प्रैक्टिस मोड जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।
कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु में है और यह भारत के अलावा इंडोनेशिया तथा अमेरिका जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी सक्रिय है। MPL ने कई बड़ी स्पोर्ट्स लीग्स और टीमों के साथ पार्टनरशिप की है और यह भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ में अहम योगदान दे रहा है।
भारत में पेड ऑनलाइन गेम्स पर बैन ने पूरे गेमिंग उद्योग को हिला दिया है। MPL जैसी बड़ी कंपनी को भी मजबूरन 60% कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी। यह केवल कंपनी ही नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर के लिए एक चेतावनी है कि भारतीय नियम कितने सख्त हो सकते हैं।
हालांकि MPL अब अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों और फ्री-टू-प्ले मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रही है, लेकिन भारत जैसे बड़े बाज़ार का नुकसान इसकी ग्रोथ के लिए बड़ा झटका है।
यह घटना भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के भविष्य को पूरी तरह बदल सकती है। अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि क्या अदालतें इस बैन को चुनौती देने वाली कंपनियों को राहत देंगी या नहीं।