ओला इलेक्ट्रिक Ola Electric अपने बढ़ते घाटे को कम करने के लिए 1,000 से अधिक एम्प्लोयी और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है।
नौकरी में कटौती से खरीद, फुलफिलमेंट, कस्टमर संबंध और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई विभाग प्रभावित होंगे। कि छंटनी ओला इलेक्ट्रिक के लागत को कंट्रोल करने के प्रयासों का हिस्सा है। सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प द्वारा समर्थित कंपनी फाइनेंसियल लॉस और रेगुलेटरी जांच से जूझ रही है।
छंटनी की खबर के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयर भी 5% गिरकर 54 रुपये के अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।
यह पांच महीने से भी कम समय में छंटनी का दूसरा दौर है। नवंबर 2023 में ओला इलेक्ट्रिक ने कथित तौर पर लगभग 500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी में कटौती का यह लेटेस्ट दौर मार्च 2024 तक ओला इलेक्ट्रिक के 4,000 कर्मचारियों के एक चौथाई से अधिक के लिए जिम्मेदार है। हालाँकि चूँकि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को कंपनी के पब्लिक खुलासे में शामिल नहीं किया गया है, इसलिए सटीक प्रभाव अस्पष्ट बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार पुनर्गठन के हिस्से के रूप में ओला इलेक्ट्रिक अपने कस्टमर सर्विस ऑपरेशन के कुछ हिस्सों को आटोमेटिक कर रही है। इस कदम का उद्देश्य एफिशिएंसी में सुधार, लागत में कमी और कस्टमर अनुभव को बेहतर बनाना है।
ओला ने कहा "हमने अपने फ्रंट-एंड ऑपरेशन को पुनर्गठित और ऑटोमेटेड किया है, जिससे बेहतर मार्जिन, कम लागत और बेहतर कस्टमर अनुभव प्राप्त हुआ है, जबकि बेहतर प्रोडक्टिविटी के लिए अनावश्यक भूमिकाओं को समाप्त किया गया है।" हालांकि कंपनी ने छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों की संख्या की पुष्टि नहीं की।
कंपनी अपने शोरूम और सर्विस सेंटर में सेल, सर्विस और वेयरहाउस एम्प्लोयी को निकाल रही है। बेंगलुरु स्थित फर्म खर्चों में कटौती करने के लिए अपनी लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी रणनीतियों में बदलाव कर रही है।
ओला इलेक्ट्रिक अगस्त 2023 में पब्लिक हुई, लेकिन तब से उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने दिसंबर तिमाही में घाटे में 50% की वृद्धि दर्ज की, जिससे उसके फाइनेंस पर दबाव बढ़ गया।
अपने मजबूत आईपीओ डेब्यू के बाद ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अपने चरम से 60% से अधिक गिर गया है। कंपनी को कस्टमर्स की आलोचना, सोशल मीडिया पर आलोचना और प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से बढ़ती कम्पटीशन का भी सामना करना पड़ा है।
1 मार्च को ओला इलेक्ट्रिक ने भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने फरवरी में 25,000 से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे हैं, जिससे उसे 28% मार्केट शेयर हासिल हुई है। हालांकि यह 50,000-यूनिट मंथली सेल लक्ष्य से काफी कम है, जिसका उल्लेख सीईओ भाविश अग्रवाल ने 7 फरवरी की आय कॉल के दौरान एबिटा ब्रेकईवन हासिल करने की सीमा के रूप में किया था।
EBITDA इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टिसिशन से पहले की आय को संदर्भित करता है।
कभी भारत में अग्रणी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक कॉम्पिटिटर्स के सामने अपनी स्थिति खो रहा है।
दिसंबर में बजाज ऑटो लिमिटेड ने ओला इलेक्ट्रिक को सबसे ज़्यादा बिकने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर ब्रांड के रूप में पीछे छोड़ दिया, जिससे यह टीवीएस मोटर कंपनी के बाद तीसरे स्थान पर आ गया। व्हीकल रजिस्ट्रेशन पर सरकारी डेटा से पता चला है, कि ओला इलेक्ट्रिक ने 2023 के अंत तक भारत के टॉप 10 ईवी मार्केट्स में से नौ में अपनी अग्रणी स्थिति खो दी है।
ओला इलेक्ट्रिक ने दिसंबर 2023 में 3,200 नए आउटलेट लॉन्च किए। इस कदम का उद्देश्य अपनी पहुँच का विस्तार करना और सर्विस क्वालिटी के बारे में कस्टमर्स की शिकायतों का समाधान करना था। हालाँकि रिपोर्ट बताती हैं, कि कंपनी को हर महीने 80,000 से ज़्यादा कस्टमर शिकायतें मिल रही हैं।