Microsoft के CEO सत्या नडेला (Satya Nadella) ने खुलासा किया है कि कैसे GPT-5 को Microsoft 365 Copilot में इंटीग्रेट किया गया है और यह नेताओं के काम करने का तरीका बदल रहा है। ये AI-प्रॉम्प्ट्स मैनेजर्स को मीटिंग्स के लिए तैयार रहने, प्रोजेक्ट ट्रैक करने और जवाबदेही (accountability) बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। लेकिन कर्मचारियों के लिए यह माहौल दबाव और कम लचीलापन (flexibility) का कारण बन सकता है।
Microsoft CEO सत्या नडेला Microsoft CEO Satya Nadella ने हाल ही में X (पूर्व में Twitter) पर बताया कि वह रोज़ाना GPT-5 का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने लिखा कि Copilot अब उनके लिए एक “दूसरा दिमाग” बन गया है, जो ईमेल, चैट, और कैलेंडर से इनसाइट्स निकालकर मीटिंग्स और चर्चाओं के लिए उन्हें पहले से तैयार करता है।
कल्पना कीजिए, आप एक मीटिंग में जाएं और आपका बॉस पहले से आपके प्रोजेक्ट अपडेट्स, KPIs और सवालों के जवाब लेकर बैठा हो। यही माहौल GPT-5 के जरिए बन रहा है। मैनेजर्स के लिए यह सपना हो सकता है, लेकिन कर्मचारियों को यह “AI निगरानी” (AI scrutiny) जैसा लग सकता है।
GPT-5 पिछले इंटरैक्शन देखकर यह बता देता है कि अगले मीटिंग में सामने वाला किन 5 मुद्दों पर बात कर सकता है।
ईमेल, चैट और नोट्स से प्रोजेक्ट का सारांश बनाकर KPIs, जोखिम (risks), और प्रतिस्पर्धी गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार करता है।
एक साधारण सवाल: “क्या हम नवंबर के प्रोडक्ट लॉन्च के लिए ट्रैक पर हैं?”
AI तुरंत प्रगति, पायलट रिज़ल्ट्स और सफलता की संभावना स्कोर देता है।
AI कैलेंडर और ईमेल देखकर बताता है कि CEO ने पिछले महीने किन 5–7 प्रोजेक्ट्स पर कितना समय लगाया।
AI ईमेल और पिछली चर्चाओं के आधार पर मीटिंग के लिए कॉन्टेक्स्ट तैयार करता है, ताकि नडेला पूरी जानकारी के साथ शामिल हों।
नडेला का अनुभव बताता है कि GPT-5 अब सिर्फ असिस्टेंट नहीं बल्कि निर्णय लेने वाला साथी (decision-making partner) बन रहा है। जहां बॉस ज्यादा प्रोडक्टिव और तैयार होंगे, वहीं कर्मचारियों को और कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
Microsoft GPT-5 को सिर्फ एक टूल नहीं बल्कि वर्कप्लेस कम्पैनियन बना रहा है। आने वाले समय में यह AI न केवल प्रोजेक्ट अपडेट्स देगा बल्कि जोखिमों का पूर्वानुमान और टीम की कार्यक्षमता का विश्लेषण भी करेगा।
सत्या नडेला के GPT-5 प्रॉम्प्ट्स इस बात को उजागर करते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब केवल एक सपोर्टिंग टूल नहीं, बल्कि बिज़नेस डिसीज़न लेने की प्रक्रिया का मुख्य आधार बनता जा रहा है। मैनेजमेंट और बॉस के लिए यह तकनीक कार्यक्षमता बढ़ाने, समय बचाने और डेटा-आधारित निर्णय लेने में मददगार साबित होगी।
वहीं दूसरी ओर, कर्मचारियों के लिए यह बदलाव नए अवसरों के साथ-साथ अतिरिक्त दबाव भी ला सकता है, क्योंकि उनसे अधिक स्मार्ट और तेज़ काम की अपेक्षा बढ़ जाएगी। यह स्पष्ट है कि भविष्य का कार्यस्थल तेजी से AI-इंटिग्रेटेड हो रहा है, जहां इंसानों और मशीनों का सहयोग ही सफलता की कुंजी बनेगा।
GPT-5 जैसे उन्नत टूल न केवल कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बनाए रखने का साधन होंगे, बल्कि कर्मचारियों के लिए नए कौशल सीखने और खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की चुनौती भी पेश करेंगे। यही संतुलन भविष्य की कार्य संस्कृति को परिभाषित करेगा।