मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया ने बेंगलुरु में मर्सिडीज-बेंज सेफ रोड्स इंडिया समिट 2024 में अपनी एक्सीडेंट रिसर्च टीम के एक दशक का जश्न मनाया।
जर्मनी के बाहर मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी Mercedes-Benz Group AG के सबसे बड़े रिसर्च हब के रूप में एमबीआरडीआई रोड सेफ्टी में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, जो भारत में एक बढ़ती हुई चिंता का विषय है, जहां 2023 में 4.8 लाख से अधिक दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.72 लाख लोगों की जान गई।
अध्ययनों से पता चलता है, कि सीट बेल्ट का इस्तेमाल करने वाले 95 प्रतिशत ड्राइवर और आगे की सीट पर बैठे पैसेंजर्स सुरक्षित थे, जो सेफ्टी सिस्टम्स के महत्व को दर्शाता है। ग्लोबल एक्सीडेंट रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए भारत में स्थापित यह टीम रियल-टाइम एक्सीडेंट के मामलों की जांच करती है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ी सात दुर्घटनाएँ शामिल हैं, और व्हीकल सेफ्टी में सुधार के लिए वैल्युएबल डेटा एकत्र करती है।
एक उल्लेखनीय उपलब्धि टीम का प्रथम EQS एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन पर किया गया कार्य है, जो नई टेक्नोलॉजीज के साथ उसकी एक्सपेर्टीज़ को प्रदर्शित करता है।
"एमबीआरडीआई का दशक भर का एक्सीडेंट रिसर्च इस उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण इनसाइट्स प्रदान करता है। सेफ्टी को अपने मूल सिद्धांतों में समाहित करके मर्सिडीज-बेंज 2050 तक एक्सीडेंट-फ्री मोबिलिटी के कलेक्टिव विज़न को आगे बढ़ाते हुए विविध मार्केट्स की यूनिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए डेटा-ड्रिवेन इनोवेशन का उपयोग करता है," मर्सिडीज-बेंज एजी में व्हीकल सेफ्टी के डायरेक्टर प्रो. डॉ. पॉल डिक ने कहा। टीम के प्रयास भविष्य के लिए सुरक्षित मर्सिडीज-बेंज व्हीकल्स को आकार देने में मदद करते हैं।
भारत स्थित यह टीम 80 प्रतिशत से अधिक सटीकता के साथ डीप लर्निंग-बेस्ड इमेज एनोनिमाइजेशन जैसी इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज और ज़ेनट्री डायग्नोस्टिक्स, पायथन डेटा एनालिसिस और 3डी स्कैनिंग जैसे कटिंग-एज टूल्स में भी अग्रणी है। ये टेक्नोलॉजीज एनोनिमाइजेशन टेक्निक्स के माध्यम से प्राइवेसी सुनिश्चित करते हुए व्हीकल सेफ्टी को बेहतर बनाने में मदद कर रही हैं।
एमबीआरडीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु साले Manu Saale ने कहा "सेफ रोड्स जागरूकता बढ़ाने, सहयोग बढ़ाने और भारत की यूनिक रोड सेफ्टी चुनौतियों का समाधान करने के लिए इनसाइट्स-ड्रिवेन एप्रोच अपनाने की हमारी कमिटमेंट का प्रमाण है।"
सेफ रोड्स इंडिया समिट 2015 में शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा है, जो रोड सेफ्टी के लिए सोलूशन्स शेयर करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स को इकट्ठा करता है। इस वर्ष इंडस्ट्री लीडर्स के साथ एक पैनल चर्चा में सेफ्टी में सुधार के लिए डेटा के महत्व का पता लगाया गया।
स्टूडेंट आइडियाथॉन में ADAS के लिए LiDAR-बेस्ड इलाके का पता लगाने और AI-ड्रिवेन ड्राइवर फीडबैक सिस्टम जैसे अभिनव विचारों को भी प्रदर्शित किया गया, जो रोड सेफ्टी को बदलने के लिए टेक्नोलॉजी की क्षमता को दर्शाता है।
रोड सेफ्टी रिसर्च में मर्सिडीज-बेंज के चल रहे काम का उद्देश्य एक्सीडेंट को कम करना और जीवन बचाना है, जिसका अंतिम लक्ष्य 2050 तक एक्सीडेंट-फ्री मोबिलिटी है।