Maruti Suzuki Celerio एक बार फिर सेफ्टी के मामले में चर्चा में आ गई है, जब ग्लोबल NCAP द्वारा जारी लेटेस्ट क्रैश टेस्ट नतीजों में इसे एडल्ट ऑक्यूपेंट सेफ्टी रेटिंग में तीन स्टार मिले हैं। ये हालिया नतीजे भारत में बनी इस हैचबैक के सिक्स-एयरबैग वर्जन पर फोकस करते हैं, और खरीदारों को यह समझने में मदद करते हैं, कि यह पॉपुलर छोटी कार असल दुनिया के क्रैश हालात में कैसा परफॉर्म करती है।
ग्लोबल NCAP रेटिंग्स सेफ्टी रिपोर्ट कार्ड की तरह हैं, क्योंकि कारों का कंट्रोल्ड कंडीशन में क्रैश टेस्ट किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि वे हादसों के दौरान वयस्कों और बच्चों को कितनी अच्छी तरह से बचाती हैं। ज़्यादा स्टार का मतलब आमतौर पर बेहतर सुरक्षा होता है, और भारत में सेफ्टी एक अहम मुद्दा बन गया है, इसलिए ये रेटिंग्स खरीदारों को माइलेज और फीचर्स से आगे सोचने में मदद करती हैं।
फ्रंटल ऑफसेट क्रैश टेस्ट में सेलेरियो ने ड्राइवर और सामने बैठे पैसेंजर दोनों के सिर और गर्दन के लिए पर्याप्त से अच्छी सुरक्षा दिखाई, जो एक पॉजिटिव संकेत है, खासकर एक छोटी हैचबैक के लिए। हालांकि सब कुछ भरोसेमंद नहीं था। ड्राइवर की छाती की सुरक्षा को कमज़ोर रेटिंग दी गई और सामने बैठे दोनों लोगों के घुटनों की सुरक्षा को मामूली बताया गया, जिसका मतलब है, कि गंभीर क्रैश में चोट लगने की संभावना अभी भी है।
ग्लोबल NCAP द्वारा बताई गई एक और चिंता की बात थी, अस्थिर बॉडीशेल और फुटवेल एरिया। आसान शब्दों में कहें तो, कार का स्ट्रक्चर टेस्ट से ज़्यादा अतिरिक्त इम्पैक्ट लोड को संभालने के लिए काफी मज़बूत नहीं था, जिससे ओवरऑल सेफ्टी स्कोर सीमित हो गया।
साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सेलेरियो ने सिर और छाती के लिए मामूली सुरक्षा दी, जबकि पेट की सुरक्षा को पर्याप्त माना गया। पेल्विस की सुरक्षा बेहतर रही। ज़्यादा गंभीर साइड पोल टेस्ट के दौरान सिर और पेल्विस की सुरक्षा बेहतर होकर अच्छी हो गई, लेकिन छाती और पेट की सुरक्षा सिर्फ़ मामूली ही रही। यह दिखाता है, कि एयरबैग मदद करते हैं, लेकिन ओवरऑल स्ट्रक्चरल मज़बूती में अभी भी सुधार की ज़रूरत है।
बच्चों की सुरक्षा के मामले में सेलेरियो को सबसे ज़्यादा दिक्कत हुई। फ्रंटल क्रैश टेस्ट में 18 महीने और तीन साल के दोनों डमी के लिए चाइल्ड रिस्ट्रेंट सिस्टम सिर को पूरी तरह से टकराने से रोक नहीं पाए। गर्दन और छाती की सुरक्षा को खराब रेटिंग मिली।
साइड इम्पैक्ट टेस्ट में छोटे बच्चे के लिए रिस्ट्रेंट ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन तीन साल के बच्चे के लिए इस्तेमाल किया गया सिस्टम सिर की मूवमेंट को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं कर पाया। नतीजतन बच्चों की सुरक्षा का स्कोर वयस्कों की सुरक्षा से कम रहा, जिस पर खरीदारों को ध्यान देना चाहिए।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है, कि छह-एयरबैग वाले वर्जन को दो-एयरबैग वाले मॉडल से ज़्यादा स्कोर मिला, जिसे उसी प्रोग्राम के तहत सिर्फ़ दो-स्टार रेटिंग मिली थी। यह साफ़ दिखाता है, कि अतिरिक्त एयरबैग सुरक्षा में सुधार करते हैं, भले ही स्ट्रक्चरल कमियां बनी रहें।
Maruti Suzuki Celerio अपनी कम कीमत, चलाने में आसानी और फ्यूल एफिशिएंसी के लिए लोकप्रिय बनी हुई है। हालांकि ये क्रैश टेस्ट के नतीजे बताते हैं, कि खरीदारों को छह-एयरबैग वाले वेरिएंट को प्राथमिकता देनी चाहिए और इसकी सुरक्षा की कमियों के बारे में पता होना चाहिए।