रिलायंस जियो द्वारा अपने एंट्री-लेवल 28-दिन वाले प्रीपेड प्लान को बंद करने के हालिया कदम ने इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है, जिससे कॉम्पिटिटर्स कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर भी दबाव बढ़ गया है, कि वे या तो ऐसा ही करें या अपनी कर्रेंट प्राइसिंग रणनीतियों को बनाए रखें।
18 अगस्त से जियो ने अपना 249 रुपये वाला प्लान बंद कर दिया है, जिसमें 28 दिनों के लिए प्रतिदिन 1 जीबी डेटा मिलता था। यह प्लान कई कस्टमर्स के लिए सबसे बेसिक और अफोर्डेबल चॉइस माना जाता था। इस बदलाव के साथ अब जियो की वेबसाइट पर उपलब्ध सबसे अफोर्डेबल ऑप्शन 299 रुपये का प्लान है, जिसमें 28 दिनों के लिए प्रतिदिन 1.5 जीबी डेटा मिलता है, जिससे जियो यूजर्स के लिए मिनिमम मंथली कॉस्ट 50 रुपये बढ़ गया है।
जियो के प्रीपेड प्लान्स में यह रणनीतिक बदलाव टेलीकॉम सेक्टर में प्रोफिटेबिलिटी के एक प्रमुख मीट्रिक ARPU को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतीत होता है। कम डेटा, कम लागत वाले ऑप्शन को समाप्त करके जियो यूजर्स को हाई वैल्यू वाले पैक की ओर प्रेरित कर रहा है।
उदाहरण के लिए अब ज़्यादा डेटा या बेहतर वैल्यू-फॉर-मनी चाहने वाले कस्टमर्स जियो के 349 रुपये वाले 2 जीबी/दिन, 28-दिन वाले पैक की ओर आकर्षित हो सकते हैं। यह स्पष्ट है, कि जियो अपने टैरिफ़ स्ट्रक्चर को कड़ा कर रहा है, ताकि धीरे-धीरे बेस-लेवल कस्टमर को ज़्यादा रेवेनुए देने वाले प्लान की ओर धकेला जा सके।
Jio के इस कदम का असर एयरटेल और वोडाफ़ोन आइडिया पर भी पड़ने की उम्मीद है। ऐतिहासिक रूप से जब कोई बड़ी टेलीकॉम कंपनी अपने टैरिफ़ स्ट्रक्चर में बदलाव करती है, तो कम्पटीशन कंपनियाँ भी प्राइस युद्ध से बचते हुए कॉम्पिटिटिव में बने रहने के लिए उसका अनुसरण करती हैं।
एयरटेल के वाईस चेयरमैन गोपाल विट्टल Gopal Vittal ने हाल ही में "टैरिफ सुधार" की आवश्यकता पर कहा ताकि निवेशित कैपिटल पर स्थायी लाभ सुनिश्चित हो सके - एक ऐसी धारणा जो बताती है, कि अगर मार्केट अनुमति देता है, तो एयरटेल प्राइस वृद्धि से पीछे नहीं हटेगा। जियो के पहले ही बढ़त हासिल कर लेने के साथ, एयरटेल के पास अब बिना पहल किए भी इसी तरह के बदलाव करने के लिए अनुकूल माहौल है।
वर्तमान में एयरटेल और वोडाफ़ोन आइडिया दोनों ही 299 रुपये में 1 जीबी/दिन, 28-दिन वाला प्लान पेश कर रहे हैं, जो उन्हें जियो के अब बंद हो चुके 249 रुपये वाले ऑप्शन से थोड़ा महँगा बनाता है, लेकिन जियो की नई कीमतों के अनुरूप है। उनके 1.5 जीबी/दिन वाले प्लान की कीमत 349 रुपये है, और 2 जीबी/दिन वाले प्लान की कीमत 408 रुपये (Vi) और 399 रुपये (Airtel) है, जो उन्हें जियो की ऑफरिंग्स की तुलना में थोड़ा महंगा बनाता है। टॉप टेलीकॉम कंपनियों के बीच यह प्राइस एलाइनमेंट इंडस्ट्री में टैरिफ कंसोलिडेशन की दिशा में एक समन्वित कदम का संकेत दे सकता है।
दूसरी ओर भारत संचार निगम लिमिटेड प्राइसिंग के मामले में एक महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है। बीएसएनएल अभी भी काफ़ी किफ़ायती प्लान पेश कर रहा है, उदाहरण के लिए सिर्फ़ 141 रुपये में 30 दिनों का 1.5 जीबी/दिन का पैक और 148 रुपये में 2.2 जीबी/दिन का प्लान।
हालांकि बीएसएनएल की लिमिटेड 4जी कवरेज और कॉम्पिटिटिव नेटवर्क क्वालिटी की कमी इसे ज़्यादातर अर्बन और सेमी-अर्बन यूजर्स के लिए एक मेनस्ट्रीम ऑप्शन बनने से रोकती है। हालाँकि बीएसएनएल के प्लान कागज़ पर तो किफायती हैं, लेकिन नेटवर्क क्वालिटी और सर्विस विश्वसनीयता अभी भी ऐसी चिंताएँ हैं, जो इसे प्राइवेट कंपनियों के लिए एक गंभीर ख़तरा बनने से रोकती हैं।