Indian Premier League सिर्फ़ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि एक बहुत बड़ा बिज़नेस है, जिसमें बहुत ज़्यादा पैसा शामिल है। Royal Challengers Bangalore और Punjab Kings जैसी आईपीएल टीमों के मालिक हर मैच से काफ़ी मुनाफ़ा कमाते हैं। यह लेख बताता है, कि ये टीम मालिक एक IPL गेम से कितना पैसा कमाते हैं, और उन्हें कितना खर्च करना पड़ता है।
आईपीएल टीम ओनर्स द्वारा खर्च की गई राशि से कहीं ज़्यादा रेवेनुए उत्पन्न करता है। यह टूर्नामेंट को एक मज़बूत बिज़नेस मॉडल बनाता है। रेवेनुए टिकट सेल, स्पॉन्सरशिप डील्स और मीडिया राइट्स जैसे विभिन्न सोर्सेज से आता है। इन इनकम से लीग और इंडिविजुअल टीम ओनर्स दोनों को फ़ायदा होता है।
फ्रैंचाइज़ के ओनर्स कॉम्पिटिटिव टीमों को इकट्ठा करने के लिए बड़ी रकम खर्च करते हैं। उदाहरण के लिए मौजूदा आईपीएल सीज़न में सबसे महंगे खिलाड़ी ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ रुपये में खरीदा था। इससे पता चलता है, कि एक टीम बनाने में कितना पैसा लगता है। खिलाड़ियों के अलावा ओनर्स कोच और अन्य सहायक स्टाफ मेंबर्स को भी अच्छी खासी रकम देते हैं, जो टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाते हैं।
टीम के मालिक कई सोर्सेज से पैसा कमाते हैं। प्राइमरी सोर्सेज मैच टिकट सेल, स्पॉन्सरशिप एग्रीमेंट्स और ब्राडकास्टिंग राइट्स हैं। रिपोर्ट बताती है, कि आईपीएल मैच के लिए टिकट सेल से होने वाली इनकम का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा टीम के मालिकों को जाता है।
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में से एक अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में करीब 1.32 लाख ऑडियंस बैठ सकते हैं। मान लीजिए कि इस स्टेडियम में एक लाख लोग आईपीएल मैच देखने आते हैं, और हर टिकट की कीमत करीब 3,000 रुपये है। अकेले टिकट सेल से होने वाली कुल इनकम करीब 30 करोड़ रुपये होगी। चूंकि इस आय का 80 प्रतिशत हिस्सा टीम मालिकों के साथ शेयर किया जाता है, इसलिए वे सिर्फ़ एक मैच से ही बड़ा हिस्सा कमा लेते हैं।
प्रीति जिंटा के स्वामित्व वाली पंजाब किंग्स आईपीएल में मुनाफ़े वाली फ्रैंचाइज़ में से एक है। आरसीबी के मालिकों के साथ मिलकर वे मैच रेवेन्यू से काफ़ी मुनाफ़ा कमाते हैं। टिकट सेल से होने वाली इनकम, स्पॉन्सरशिप और मीडिया राइट्स के साथ मिलकर आईपीएल सीज़न के दौरान उनके कुल मुनाफ़े में योगदान देती है।