IndusInd Bank ने अनुभवी बैंकर राजीव आनंद को 25 अगस्त 2025 से शुरू होने वाले तीन साल के कार्यकाल के लिए अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया है।
यह घोषणा भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से मंज़ूरी मिलने के बाद की गई है। कंपनी ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है, कि यह निर्णय 4 अगस्त को हुई बोर्ड बैठक में लिया गया और यह नियुक्ति शेयरहोल्डर की मंज़ूरी के अधीन है।
इंडसइंड बैंक ने कहा "बोर्ड ने राजीव आनंद को बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर तथा Key Managerial Personnel की कैटेगरी में एडिशनल डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने को मंज़ूरी दे दी है।"
राजीव आनंद Rajiv Anand ने हाल ही में एक्सिस बैंक में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा किया है, और 3 अगस्त को पद छोड़ रहे हैं।
इन वर्षों में उन्होंने कई लीडरशिप भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने 2009 में एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी के फाउंडिंग मैनेजिंग डायरेक्टर एवं चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में बैंक के बोर्ड में शामिल होने से पहले उन्होंने एक्सिस बैंक में रिटेल बैंकिंग के प्रेजिडेंट के रूप में कार्य किया।
रिपोर्ट के अनुसार वह इंडसइंड बैंक के बोर्ड द्वारा चुने गए तीन उम्मीदवारों में से एक थे। अन्य दावेदार राहुल शुक्ला और अनूप साहा थे।
राजीव आनंद की नियुक्ति एक चुनौतीपूर्ण समय पर हुई है, क्योंकि बैंक ने इस साल की शुरुआत में अपनी इंटरनल डेरिवेटिव बुक में वर्षों से चल रही गलत लेखा-जोखा की वजह से 1,960 करोड़ रुपये (23 करोड़ डॉलर) का घाटा दर्ज किया था।
इस मुद्दे के कारण अप्रैल में पूर्व एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना को इस्तीफा देना पड़ा था। इस बीच अधिकारियों की एक समिति बैंक के कामकाज का प्रबंधन कर रही है, जिसका कार्यकाल 28 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है, क्योंकि आरबीआई राजीव आनंद की नियुक्ति पर विचार कर रहा है।
मार्च 2025 में घोषित घाटे का दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत प्रभाव पड़ने का अनुमान है। इंटरनल कंट्रोल और ट्रांसपेरेंसी को लेकर चिंताएँ उठने से बैंक की विश्वसनीयता को धक्का लगा है।
इन झटकों के बावजूद इंडसइंड बैंक ने हाल ही में अप्रैल-जून तिमाही (FY26 की पहली तिमाही) में मुनाफे में वापसी की सूचना दी है, जबकि इससे पहले बैंक को अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा हुआ था। बैंक ने 604 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछली तिमाही में उसे 2,328.87 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसकी नेट इंटरेस्ट इनकम (एनआईआई) 4,640 करोड़ रुपये रही, जबकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) FY26 की पहली तिमाही में 3.46 प्रतिशत रहा, जो FY25 की पहली तिमाही में 4.25 प्रतिशत था।